कोरबा

पोड़ी-सिल्ली सड़क निर्माण मे एडीबी कीलापरवाही पड़ रही भारी….मुआवजा प्रकरण लम्बित,भटक रहे कृषक, पुल नहीं बनने से हजारों ग्रामीण परेशान

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(कमल वैष्णव) : पाली /कोरबा – कोरबा जिले के विखं मुख्यालय पाली से पोड़ी – सिल्ली होते हुए रतनपुर-पेड्रॉ मार्ग को जोड़ने वाले सड़क मार्ग पर नानपुलाली के निकट गुंजन नाला पर पुल का निर्माण प्रशासन के प्रयास के बावजूद एडीबी की लापरवाही के कारण अन्ततः बरसात पूर्व नहीं हो पाया ,जिससे क्षेत्र की जनता में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त हो गया है।

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पाली- पोड़ी- सिल्ली से रतनपुर -पेंड्रा को जोड़ने वाली 21.5 किमी सड़क उन्नयन कार्य एडीबी प्रोजेक्ट (छत्तीसगढ़ राज्य सड़क क्षेत्र परियोजना) के तहत लोक निर्माण विभाग द्वारा 55.096 करोड़ की लागत से कराया जा रहा है। जिसका ठेका मेसर्स KLAVKJ (जेवी) कम्पनी मिला है। इसका कार्य आदेश 15 जून 2020 को दिया गया है और कार्य अवधि 20 माह की थी। यह नियत तिथि पार हो गई है। भले ही इस सड़क के उन्नयन का 80 फ़ीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। लेकिन आवागमन में सबसे बड़ा रोड़ा नानपुलाली स्थित गुंजन नाला है। जिसके कारण बरसात में पोड़ी क्षेत्र की लगभग 50,000 से अधिक जनसंख्या पुल निर्माण नहीं होने से हर साल प्रभावित होता है।नानपुलाली में गुंजन नाला पर पुल निर्माण में एक ग्रामीण की खेतिहर भूमि प्रभावित हो रहीं हैं। जिसका मुआवजा आज पर्यंत नहीं मिला है।

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ग्रामीण मुआवजा मिलने के बाद ही अपनी जमीन देने की बात पर अड़ा है। जिसके कारण इस पुल पर एक पिलर और अप्रोच का निर्माण रुका हुआ है।महज एक ग्रामीण के मुआवजा प्रकरण के कारण पोड़ी क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली बहुप्रतीक्षित पुल का निर्माण बरसात पूर्व नहीं हो पाया है।य़ह मुआवजा का एकमात्र मामला नहीं है। लेकिन य़ह विडंबना ही कही जाएगी कि इस सड़क के उन्नयन, चौड़ीकरण कार्य के लिए विगत चार-पांच वर्षों से सर्वे सहित विभिन्न प्रक्रिया चल रही है और आज तक एडीबी मुआवजा के प्रकरण निराकृत नहीं कर पाया है। पुल निर्माण नहीं होने से एक बार फिर पोड़ी क्षेत्र की जनता को शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य प्राथमिक मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 15 से 20 किमी का अतिरिक्त फेरा लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।


बिना भू अर्जन के शुरू करा दिया काम

ऐडीबी द्वारा नयी सड़क के निर्माण कार्य को किए जाने से पूर्व भूमि के भू अर्जन की प्रक्रिया को पूर्ण करना भी आवश्यक नही समझा तथा बिना किसी पूर्वानुमति के पुराने सड़क को उखाड़ दिया गया ,इतना ही नहीं प्रभावितों के भूमि हेतु अर्जन प्रक्रिया को प्रारम्भ एवं पूर्ण किए बिना ही नयी सड़क का काम प्रारम्भ कर दिया गया ।जिससे पाँच प्रमुख ग्राम के प्रभावित अपनी भूमि के मुआवजा के लिए कार्यालय के चक्कर काटने मजबूर हैं जिससे उनमें असंतोष व्याप्त हैं ।ज्ञातव्य है कि ठेकेदार ऐवम ऐ डी बी विभाग द्वारा उक्त कार्य भूमि के अधिग्रहण पूर्ण होने से पूर्व ही प्रारम्भ कर दिया गया। राजस्व अभिलेखों में उक्त भूमि आज भी प्रभावितों के नाम पर ही हैं। एडीबी भू अर्जन की प्रक्रिया को लेकर प्रारम्भ से ही उदासीन रवैया रखा और ठेकेदार से कार्य प्रारम्भ करा दिया गया।

मुआवजा पर प्रभावितों को गुमराह किया जाता रहा। यही कारण है कि मुआवजा के लंबित प्रकरणों के कारण कार्य में कई बार बाधा उत्पन्न हुई और आज स्थिति जस की तस है। यानि कि बरसात में फिर वही समस्या….! पोड़ी क्षेत्र जाने के लिए 15 से 20 किमी का अतिरिक्त शेरा लगाने की मजबूरी है। बहरहाल बारिश के दौरान ऐ डी बी द्वारा आवश्यक अस्थायी व्यवस्था सड़क मार्ग चालू रखने के लिए बनाना आवश्यक हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने इस हालत के जिम्मेदार एडीबी प्रोजेक्ट और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई तथा लंबित मुआवजा प्रकरणों के त्वरित निराकरण की मांग जिला प्रशासन से किया है । इस संबंध में एक प्रति निधि मंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या रखेंगे।

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