देश

जहां बैन नहीं वहां जाकर फोड़ लेना पटाखा; SC गए मनोज तिवारी को सुनना पड़ गया

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : दिल्ली में दिवाली से पहले लगे पटाखा बैन पर सियासत तेज है। बुधवार को मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

Advertisement
Advertisement

देश की सबसे बड़ी अदालत ने ना सिर्फ मनोज तिवारी की याचिका को खारिज करते हुए हस्तक्षेप से इनकार किया बल्कि सांसद को कई नसीहतें भी दे डाली। कोर्ट ने तिवारी को यह भी कहा कि जहां पटाखा बैन नहीं है वहां जाकर फोड़ सकते हैं।

Advertisement

दरअसल दिल्ली सरकार ने दिवाली में बढ़ने वाले प्रदूषण का हवाला देकर एक बार फिर हर तरह के पटाखों के उत्पादन, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

Advertisement

मनोज तिवारी के वकील ने जस्टिस एसएस बोपन्ना और एमएम सुंदरेश की पीठ के सामने दलील दी कि केजरीवाल सरकार ने सभी तरह के पटाखों पर रोक लगा दी है जबकि कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को फोड़ने की इजाजत दी थी। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने दो टूक कहा कि सरकार के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।

मनोज तिवारी की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा, ‘नहीं, हम हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं। जहां सरकार ने पटाखे बैन किए हैं, वहां मतलब है पूरी तरह बैन। लोगों का स्वास्थ्य महत्वपू्र्ण है। यदि आप पटाखे फोड़ना चाहते हैं तो उन राज्यों में जा सकते हैं।

जहां इस पर रोक नहीं है।’ इस पर तिवारी के वकील ने कहा कि वह सांसद हैं और उन्हें चुनने वाली जनता के प्रति जवाबदेह हैं। कोर्ट ने ही ग्रीन पटाखों को फोड़ने की अनुमति दी है। बेंच ने इसके बाद फिर तिवारी को नसीहत दी और कहा, ‘आपको लोगों को समझाना चाहिए कि पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए। आपको भी चुनाव के बाद विजयी जुलूस में पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए। जीत पर जश्न मनाने के दूसरे तरीके हैं।’   

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button