छत्तीसगढ़

सतत विकास के लक्ष्य को पाने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ मॉडल कारगर : मंत्री अमरजीत भगत

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(शशि कोन्हेर) : रायपुर – योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का मॉडल कारगर साबित हो रहा है। सतत विकास एक वैश्विक एजेंडा है। जिसका लगभग पूरे विश्व में क्रियान्वयन किया जा रहा है। सतत विकास के लक्ष्य में पर्यावरण, आर्थिक, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, शुद्ध पेयजल और स्वास्थ्य जैसे अनेक मसलो को शामिल किया गया हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले पौने चार वर्षों में इन्हीं सब प्रमुख मसलों को लेकर महत्वाकांक्षी योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। जिसका सकारात्मक परिणाम भी आने लगा है।

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मंत्री श्री भगत ने उक्त बातें आज नवा रायपुर स्थित योजना भवन में आयोजित एस.डी.जी. डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क के एक दिवसीय ओरियेंटेशन कार्यक्रम में कही। श्री भगत ने इस अवसर पर ’छत्तीसगढ़ डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ की हिंदी पुस्तिका का विमोचन भी किया।
मंत्री श्री भगत ने कहा कि विश्व पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए सतत विकास के लक्ष्य के लिए गोल निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे-मध्यान भोजन, मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, पीडीएस, मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना, महतारी जतन योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना और सामजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार एसडीजी के उद्देश्यों को पुरा करने का प्रयाय कर रही है। श्री भगत ने कहा कि मॉनिटरिंग के लिए संबंधित विभागों से आंकड़े प्राप्त करने के लिए जिला स्तरीय क्रियान्वयन एवं मानिटरिंग समिति का गठन कर गुणवत्ता युक्त अद्यतन आंकड़े प्राप्त किया जा रहा है।

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ओरियेंटेशन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि सतत् विकास के लक्ष्य में बेरोजगारी उन्मूलन, लैंगिक समानता, कुपोषण मुक्ति जैसे प्रमुख लक्ष्य निर्धारित हैं। छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल के माध्यम से पिछले पौने चार वर्षों में उल्लेखनीय कार्य किया गया है। नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी योजना और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के माध्यम से गांव में ही स्वरोजगार स्थापित किया जा रहा है। जिसका सकारात्मक परिणाम आने लगा है। छत्तीसगढ़ का बेरोजगारी दर 0.4 प्रतिशत है, जो पूरे देश में सबसे निचले स्तर पर है। इसके अलावा पिछले पौने चार वर्षों में कुपोषण दर में 32 प्रतिशत की कमी आई है, जो उल्लेखनीय उपलब्धि है। राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के चलते प्रति वर्ष 2.1 प्रतिशत किसानों में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य सरकार की यह सब उपलब्धियां सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

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राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह ने बताया कि सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिला स्तरीय कमेटी के माध्यम से 82 इंडिकेटर बनाए गए हैं। इसके लिए संबंधित 23 विभागों से आंकड़े एकत्रित किया जाना है। गुणवत्ता युक्त अद्यतन आंकड़े प्राप्त करने के लिए डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क तैयार किया गया है।

आयोग के सदस्य डॉ. के सुब्रमण्यम ने स्वागत उद्बोधन दिया। योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संचालक श्री अमृत टोपनो ने संयुक्त डाटा कलेक्शन के संबंध में विस्तार से बताया। आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया ने राज्य और जिला स्तरीय इंडिकेटर फ्रेमवर्क की विस्तृत जानकारी दी। ओरिएंटेशन कार्यक्रम में एस.डी.जी के सदस्य, योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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