खाद्य अधिकारी और उसके भाई पर बंधक बनाने का आरोप, आईजी एसपी से हुई शिकायत…..
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – खाद्य विभाग में पदस्थ फ़ूड इंस्पेक्टर शेख अब्दुल कादिर पर अपने भाई बादल खान के साथ मिलकर पार्टनर को बंधक बनाने का आरोप लगा है।मामला श्रीकांत वर्मा मार्ग स्थित पराठा हाउस का है। संचालक रमित मिश्रा ने आरोप लगाया कि खाद्य अधिकारी शेख अब्दुल कादिर ने पराठा हाउस पर छापा न पड़ने की शर्त पर उससे संस्थान पर भागीदारी देने दबाव बनाया और एक बार छापा भी पड़वाया,इससे डर में आकर रमित मिश्रा ने खाद्य विभाग में पदस्थ फ़ूड इंस्पेक्टर शेख अब्दुल कादिर के कहे अनुसार उनके रिश्तेदार से पार्टनरशिप कर ली,शुरुवात में रमित और खाद्य अधिकारी 8 लाख रुपये संस्थान में ख़र्च किये,बाद में आमदनी अठन्नी और ख़र्चा रुपया होने के कारण पराठा हाउस की आवक कम हो गयी।किये गए अग्रीमेंट के अनुसार दोनों भागीदार को प्रॉफिट और लॉस में बराबर की हिस्सेदारी देने थी,मगर खाद्य विभाग में पदस्थ फ़ूड इंस्पेक्टर शेख अब्दुल कादिर ने जो सोचकर पार्टनरशिप किया उसका उल्टा हुआ,अब खाद्य अधिकारी को यह लगा कि जो पैसा वह संस्थान में लगाया है उसको वापस मांग लेना ही ठीक होगा,खाद्य अधिकारी अपने भाई बादल खान के साथ मिलकर रमित मिश्रा पर पैसे वापस मांगने दबाव बनाने लगा,मंगलवार की शाम को खाद्य अधिकारी और उसका भाई अपने कई साथियो के साथ मिलकर रमित को घेर लिए और उसको पराठा हाउस लेजाकर नजर बंद कर दिए,रमित ने इसकी जानकारी अपने दोस्तों को दी,कादिर और बादल खान ने दबाव बनाकर 8 लाख की वसूली मय ब्याज 22 लाख रुपये वसूलने चेक पर साइन करा लिया,और रमित की कार लूट ली,मामले की शिकायत प्रभारी एसपी उमेश कश्यप और तारबाहर थाना प्रभारी जय प्रकाश गुप्ता तक पहुच गयी।डरे सहमे रमित मिश्रा ने बुधवार को आईजी एसपी और थाना प्रभारी तारबाहर से मामले की शिकायत की है।
भागीदारी अनुबंध में कई तरह की कमियां : खाद्य विभाग में पदस्थ फ़ूड इंस्पेक्टर शेख अब्दुल कादिर ने आनन फानन में जो अग्रीमेंट कराए उसमे कई खामियां हैं, जिस महिला के नाम को आगे करके भागीदार बनाया गया वह नोटरी के दिन बिलासपुर में नही थी, वही अनुबंध में कोई भी गवाह के हस्ताक्षर नही है, वही रमित का कहना है कि खाद्य अधिकारी ने सिर्फ 100 रुपये के स्टाम्प पर उसके हस्ताक्षर लिए थे,नोटरी उसके सामने नही हुए।
खाद्य अधिकारी के खाते और मोबाइल की जांच की मांग : पीड़ित रमित मिश्रा का कहना है कि खाद्य अधिकारी के खाते से उसे जितने पैसे आये है उसकी जांच की जानी चाहिए, वही उसके कॉल डिटेल की भी जांच हो।