छत्तीसगढ़

काम पर ध्यान दें’, पोटेशियम साइनाइड से रामचरितमानस की तुलना करने वाले मंत्री को तेजस्वी ने दी नसीहत

(शशि कोन्हेर) : रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से करने पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नसीहत दी है. आरजेडी नेता चंद्रशेखर को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने की जगह मंत्री को अपने विभाग के काम पर ध्यान देना चाहिए.

तेजस्वी यादव ने चंद्रशेखर के विवादित बयान को लेकर कहा, ये सब नहीं बोलना चाहिए. सभी धर्मों का सम्मान हो. लोगों की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए. मंत्री को अपने विभाग पर ध्यान देना चाहिए. नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए. ये सब नहीं कहना चाहिए.

बता दें कि हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान चंद्रशेखर ने कहा था कि पचपन तरह का व्यंजन परोस कर उसमें पोटेशियम साइनाइड मिला दीजिए तो क्या होगा, हिंदू धर्म ग्रंथ का हाल भी ऐसा ही है. बाबा नागार्जुन और लोहिया ने भी टिप्पणी की है. रामचरित मानस को लेकर मेरी आपत्ति है और जीवन भर रहेगी.

जेडीयू ने भी बयान का किया था विरोध

चंद्रशेखर यादव के दिए इस बयान पर सत्तधारी पार्टी जेडीयू ने भी आपत्ति जताई थी. चंद्रशेखर के बयान को लेकर जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा था कि, जिनको रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड दिखता है वह अपनी विचारधारा खुद तक ही सीमित रखें, इसे पार्टी या INDIA गठबंधन पर थोपने की कोशिश ना करें. उन्होंने कहा कि हम सभी धर्म और उनके धार्मिक ग्रंथों का सम्मान करते हैं, कुछ लोग मीडिया में बने रहने के लिए इस तरह का बयान देते हैं.

चंद्रशेखर के इस बयान पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी महागठबंधन सरकार और नीतीश कुमार पर हमला बोला था. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने निशाना साधते हुए कहा,  ‘यह जो भी सज्जन हैं वो खुद अपनी पार्टी के पोटेशियम साइनाइड बन चुके हैं, यह सिर्फ मंत्री जी की भावना नहीं है बल्कि इंडिया एलायंस की प्लानिंग है.

एक मंत्री साउथ से बोलते हैं तो एक यहां से. अगर रावण श्रीलंका में थे तो मारीच और सुबाहु तो उत्तर में भी थे. यह लोग अपना काम कर रहे हैं. सत्य, सनातन, राम को नुकसान पहुंचाने का काम जैसे रावण करते थे वैसे ही इस एलायंस का निर्माण ही इसलिए हुआ है कि सत्य, सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाया जाए.’

उन्होंने कहा, ‘इसका एक प्री प्लांड ट्रेंड है और जो स्टालिन ने कहा की एलायंस सनातन धर्म को खत्म करने के लिए ही बना है तो वहां मौजूद तमिल भाषा समझने वाले लोगों ने यह फैला दिया तभी हमें भी समझ में आया. चंद्रशेखर जी भले बिहार से हैं लेकिन यह अपनी करनी से अपनी पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं.’

बता दें कि रामचरितमानस को लेकर इससे पहले भी चंद्रशेखर विवादित बयान दे चुके हैं. उन्होंने इससे पहले रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला धर्म ग्रंथ बताया था.

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