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राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के पहले ही.. द्रौपदी मुर्मू से आखिर क्यों.हार मानती दिखी..बंगाल की शेरनी

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(शशि कोन्हेर) : केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ पूरे देश में दमदार विकल्प खड़ा करने निकली ममता बनर्जी के पहला ही प्रयास की हवा निकल चुकी है। भारतीय जनता पार्टी ने द्रौपदी मुरमू को अपना प्रत्याशी बनाकर जो मास्टर स्ट्रोक खेला है उसके आगे ममता बनर्जी भी असहाय नजर आती है। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत के ज्यादा चांस हैं. ममता बनर्जी के बयान पर बीजेपी ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का नाम लेते हुए चुटकी ली है.

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दरअसल, ममता बनर्जी ने कहा है कि विपक्षी दल भी राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन कर सकते थे अगर बीजेपी ने उन्हें मैदान में उतारने के पहले उनसे चर्चा की गई होती. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत की अधिक संभावनाएं है. महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद एनडीए का संख्याबल बढ़ा है.

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ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि आम सहमति वाला उम्मीदवार देश के लिए हमेशा बेहतर होता है. अगर बीजेपी ने उनके नाम के ऐलान से पहले हमसे भी बात की होती तो हम निश्चित रूप से व्यापक हितों का ध्यान रखते हुए इस पर विचार करते. उन्होंने ये भी साफ किया कि टीएमसी विपक्षी दलों के निर्णय के मुताबिक ही चलेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे मन में सभी धर्म, जाति और पंथ के लिए बराबर सम्मान है. हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो. हमें महिला उम्मीदवार को उतारने की कोशिश करनी चाहिए थी. मैं अकेले फैसला नहीं कर सकती थी.

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