निर्वाचन आयोग ने शुरू की मतदाताओं के नाम आधार से लिंक करने की तैयारी, आधार नहीं है तो शपथपत्र देना होगा
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(शशि कोन्हेर) : मतदाता सूची को आधार से लिंक करने की चर्चा अब मूर्त रूप लेने जा रही है। निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। एक अगस्त से 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर निर्वाचक नामावली में शामिल हर नाम का आधार नंबर एकत्र किया जाएगा और इसे आधार से लिंक किया जाएगा।
अप्रैल 2023 तक यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी मतदाताओं तक पहुंचकर उनका आधार नंबर लेने का प्रयास किया जाएगा। एक बार मतदाताओं के नाम आधार नंबर से जुड़ जाने के बाद मतदाता सूची में कोई डुप्लीकेट नाम नहीं रहेगा। यदि किसी मतदाता के पास आधार नंबर नहीं है तो उसे शपथ पत्र देना होगा।
मतदाता सूची में नहीं रहेगा कोई डुप्लीकेट नाम
जिले में करीब 35 लाख से अधिक मतदाता हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद आधार से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी इसके लिए जागरूक किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी 25 जुलाई को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक भी करेंगे। उनसे अपील की जाएगी कि वे मतदाताओं से उनके आधार कार्ड जरूर दिलवाएं।
ऐच्छिक होगा आधार कार्ड देना
जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से आधार कार्ड लेने के लिए किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा। यह पूरी तरह से मतदाता की इच्छा पर निर्भर होगा। हालांकि जिन मतदाताओं द्वारा आधार कार्ड का नंबर नहीं दिया जाएगा, उनसे इस बात का शपथ पत्र लेने की तैयारी है कि उनके पास आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट सहित 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज देना होगा।
घर-घर जाएंगे बीएलओ, आनलाइन भी दे सकेंगे आधार कार्ड का नंबर
मतदाताओं से आधार कार्ड का नंबर प्राप्त करने के लिए बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) को घर-घर भेजा जाएगा। नए प्रारूप में आ रहे फार्म छह बी पर वे आधार कार्ड का नंबर दर्ज करेंगे। नंबर लेने के एक सप्ताह के भीतर मतदाता के नाम के साथ आधार कार्ड के नंबर को लिंक करना होगा। मतदाता आनलाइन भी आधार कार्ड का नंबर दे सकेंगे। इसके लिए फार्म छह बी आनलाइन भी उपलब्ध रहेगा। जनसेवा केंद्रों के माध्यम से भी यह कार्य किया जा सकेगा। आधार कार्ड के नंबर एकत्र करने के लिए समय-समय पर शिविर लगाए जाएंगे। पहला शिविर चार सितंबर को लगाने की योजना है।
यह है आधार से लिंक करने का उद्देश्य
सहायक निर्वाचन अधिकारी जेएन मौर्य ने बताया कि निर्वाचक नामावली के सभी नाम आधार से लिंक होने के बाद एक से अधिक विधानसभा या लोकसभा क्षेत्रों में कोई व्यक्ति मतदाता नहीं रह सकेगा। इसके साथ ही एक विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में एक से अधिक स्थान पर भी नाम रखना संभव नहीं होगा।
निर्वाचक नामावली में शामिल सभी मतदाताओं के आधार कार्ड नंबर एकत्र किए जाएंगे। आधार कार्ड उपलब्ध कराना ऐच्छिक होगा। एक अगस्त से 31 दिसंबर तक इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान लोगों को आधार कार्ड देने के लिए जागरूक भी किया जाएगा। सभी के विवरण पूरी तरह से गोपनीय रखे जाएंगे।