देश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम पर दो करोड़ की ठगी.. जानिए पूरा मामला

(शशि कोन्हेर) : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर दो करोड़ रूपये की ठगी का मामला सामने आया है। भाजपा के पटेल नगर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे नेता के भाई ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मुंबई से एक व्यवसायी का किसी काम कराने के एवज में 100 करोड़ की मांग की थी। पीडि़त से दो करोड़ रुपये एडवांस लेकर आरोपित शेष रकम देने की मांग कर रहे थे।

पीडि़त को ठगी का अहसास होने पर जब उन्होंने रकम वापस करने की बात कही तब पैसे लौटाने से इन्कार कर दिया गया। पीडि़त की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुंबई के रहने वाले प्रवल चौधरी ने स्पेशल सेल को दी शिकायत में आरोप लगाया कि राहुल शाह, अनीस बंसल और ब्रजेश रतन ने उन्हें विगत 27 मार्च को गृहमंत्री से मिलवाने के लिए 99 कुशक रोड पर बुलाया था।

उन्हें बताया गया कि ब्रजेश रतन के पिता रमेश चंद्र रतन रेलवे बोर्ड के चेयरमैन हैं। उनका प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से अक्सर मिलना-जुलना होता है। यह भी बताया गया कि गृहमंत्री, बृजेश रतन के घर के सामने रहते हैं जिससे उसका शाह के पुत्र के साथ गहरी दोस्ती है। उसकी कंपनी नारायणी ग्रुप में पार्टनर है।प्रवल चौधरी जब 99 कुशक रोड पर पहुंचे तब उन्हें फोन कर बताया गया कि वह ब्रजेश रतन के घर पटेल नगर पहुंच जाए।

पटेल नगर पहुंचने पर उनके साथ तीनों आरोपितों ने मीटिंग की और उन्हें देर रात तक गृहमंत्री से मुलाकात की बात कन्फर्म कर देने का झांसा दिया। आरोप के मुताबिक अगले दिन राहुल शाह ने उन्हें बताया कि ब्रजेश रतन की गृहमंत्री से बात हो गई है उनका काम हो जायेगा।

28 मार्च दो करोड़ रुपये लेकर उन्हें गृहमंत्री के आवास के बाहर पहुंचे की बात कही गई। प्रवल को वहां पहुंचने में देर हो जाने पर अनीस बंसल ने उन्हें काल करके कहा कि अब देर हो चुकी है वह सीधा पटेल नगर आफिस आ जाए।

पटेल नगर पहुंचने पर ब्रजेश रतन ने उनसे बात की और उनका काम करवाने के लिए 100 करोड़ रूपये की मांग की। एफआईआर के मुताबिक बृजेश रतन ने यह भी भरोसा दिलाया कि दो करोड़ टोकन मनी के तौर पर गृहमंत्री के घर जाएगा और वहां से फोन पर बात करवाएगा। अगर प्रोसेस उन्हें समझ में आएगा तब वह पैसे वहां छोड़कर आ जाएगा अन्यथा उन्हें पैसे वापस कर दिये जायेंगे।

प्रवल चौधरी ने आरोप में कहा है कि उनसे 100 करोड़ रूपये का इंतजाम 24 से 48 घंटे में करने को कहा गया था। इसी पर उन्हें शक हो गया। रमेश चंद्र रतन के बारे में पता करने पर वह भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन नहीं बल्कि पैसेंजर सर्विस कमेटी के चेयरमैन निकले। तब प्रवल चौधरी ने अनीस बंसल और राहुल शाह को फोन कर काम नहीं कराने और दो करोड़ रुपये लौटाने की बात कही।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button