हरियाणा

आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में..भाजपा के साथ ही चलेगी दुष्यंत चौटाला की पार्टी…..

(शशि कोन्हेर ) : हरियाणा में भाजपा सरकार की सहयोगी पार्टी जजपा ने साफ कर दिया है कि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव भी भाजपा के साथ ही मिलकर लड़े जाएंगे। उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को कहा कि भाजपा व जजपा के राजनीतिक रिश्ते मधुर हैं।

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शहरी निकाय चुनाव को लेकर भाजपा व जजपा भले ही अलग-अलग तैयारी कर रहे हैं, लेकिन चुनाव मिलकर ही लड़ेंगे। इसी तरह पंचायत चुनाव और राज्यसभा चुनाव भी मिलकर लड़े जाएंगे।

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उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भाजपा के साथ लंबा चलने के संकेत देकर विपक्षी दलों कांग्रेस, इनेलो व आम आदमी पार्टी को अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर कर दिया है। कांग्रेस तो लंबे समय से कहती चली आ रही है कि भाजपा व जजपा गठबंधन अधिक समय नहीं चलने वाला है।

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दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट कर दिया है कि वे आगे भी भाजपा के साथ ही मिलकर चलेंगे। निकाय व पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि इससे पहले हुए तीन नगर निगम, एक नगर परिषद और तीन नगर पालिकाओं के चुनाव दोनों पार्टियों ने मिलकर लड़े थे। बरौदा और ऐलनाबाद विधानसभा के उपचुनाव भी गठबंधन मिलकर लड़ चुका है।

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विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए दुष्यंत ने कहा कि जब गठबंधन कर सरकार बनाई गई तो कहा गया कि यह समझौता एक महीने में टूट जाएगा। फिर तीन माह, छह माह और एक साल का समय दिया गया। अब कहते हैं कि सरकार कुछ दिनों की मेहमान है।

गठबंधन ने ढाई वर्षों तक बिना विवाद के कामयाबी से सरकार चलाई है और अगले ढाई साल भी इसी तरह से चलेगी। निकाय व पंचायत चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों के लिए सरकार पहले ही राज्य चुनाव आयोग को सहमति दे चुकी है। अभी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस लंबित है और 10 मई को सुनवाई होनी है।

दुष्यंत ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नए नियमों के तहत करवाए जाने की अनुमति हाईकोर्ट से मिल चुकी है। सभी जिलों के डीसी से तैयारियों को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। उपायुक्तों की रिपोर्ट आने के बाद पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के लिए भी राज्य चुनाव आयोग को अनुशंसा भेजी जाएगी।

जीएसटी कलेक्शन में पांचवें पायदान पर हरियाणा

आबकारी एवं कराधान मंत्री होने के नाते दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष जीएसटी कलेक्शन 16 प्रतिशत से अधिक हुआ है। हरियाणा, देशभर में पांचवें पायदान पर है। पिछले साल 20 हजार 507 करोड़ जीएसटी से आए थे और इस वर्ष 35 हजार 390 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एक्साइज से प्रदेश में पुरानी पालिसी से लगभग 7800 करोड़ रुपये आए और नई पालिसी से 9200 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद है। सभी प्रकार की लीकेज बंद किए हैं।

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