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हनी ट्रैप के आरोप में फंसा डीआरडीओ का वैज्ञानिक, पाकिस्तान की खूबसूरत एजेंट को दिया करता था गुप्त जानकारी

(शशि कोन्हेर) : डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तानी जासूस पर फिदा हो गए थे। उन्होंने ‘ज़ारा दासगुप्ता’ नाम वाली इस एजेंट के साथ कई खुफिया जानकारियां भी साझा की थी। इसमें खुफिया रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल सिस्टम के बारे में बातचीत भी शामिल थी। यह आरोप कुरुलकर के खिलाफ दायर आरोप पत्र में लगाए गए हैं। महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बीते हफ्ते कोर्ट में कुरुलकर के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। कुरुलकर पुणे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला के निदेशक थे।

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इस वैज्ञानिक को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। अब वह न्यायिक हिरासत में हैं। आरोप पत्र के मुताबिक, कुरुलकर और ‘जारा दासगुप्ता’ वॉट्सऐप के जरिए संपर्क में रहने के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए भी बातचीत किया करते थे। एटीएस ने आरोप पत्र में कहा कि इस पाकिस्तानी जासूस ने दावा किया था कि वह ब्रिटेन में रहती है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उसने कुरुलकर को अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर उससे दोस्ती की। जांच के दौरान उसका ‘आईपी एड्रेस’ पाकिस्तान का पाया गया।

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आरोप पत्र के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट ने ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम समेत अन्य के बारे में खुफिया और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। आरोप पत्र के मुताबिक कुरुलकर उसके प्रति आकर्षित हो गए थे। उन्होंने डीआरडीओ की खुफिया और संवेदनशील जानकारियां अपने निजी फोन में लीं। फिर इन्हें जारा के साथ साझा किया। एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे।

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कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ ने आंतरिक जांच शुरू की। इससे ठीक पहले उन्होंने उसने फरवरी 2023 में जारा का नंबर ब्लॉक कर दिया था। इसके बाद कुरुलकर को एक अज्ञात भारतीय नंबर से वॉट्सऐप पर मैसेज मिला कि आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक कर दिया। आरोप पत्र के मुताबिक, बातचीत के रिकॉर्ड से पता चला है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी एजेंट के साथ अपना निजी और आधिकारिक कार्यक्रम और स्थान साझा किए। जबकि उन्हें पता था कि ऐसा किसी के साथ नहीं करना है।

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