बिलासपुर

गया प्रसाद साहू को डा. राधाकृष्णन शिक्षक स्वाभिमान अवार्ड…..

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(डब्बू ठाकुर) : करगी रोड कोटा जिला बिलासपुर निवासी गया प्रसाद साहू “रतनपुरिहा” को विगत दिवस भारतीय दलित साहित्य अकादमी धमतरी द्वारा आदिवासी भवन धमतरी में राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में “डा. राधाकृष्णन शिक्षक स्वाभिमान अवार्ड/२०२१ की मानद उपाधि का सर्वोच्च अलंकरण से सम्मानित किया गया।

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शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नशामुक्ति,महिला सशक्तिकरण, मानवीय मूल्यों के संवाहक,कला, साहित्य, संस्कृति, अंधश्रद्धा उन्मूलन, व्यक्तित्व विकास,तथा समाज सेवा के प्रतिफल स्वरूप “रतनपुरिहा” जी को यह सर्वोच्च अलंकरण प्रदान किया गया।

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इसके पूर्व २८ अक्टूबर/२००४ को डा. मन्नूलाल यदु जी एवं संत पवन दीवान जी के कर-कमलों से राज्य स्तरीय सम्मान “छत्तीसगढ अस्मिता शंखनाद पुरस्कार”, २६ जनवरी/२००५ को भारतीय दलित अकादमी धमतरी द्वारा”डा. भीमराव अम्बेडकर विशिष्ट सेवा सम्मान की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है | तहसील साहू संघ पाटन द्वारा”समाज रत्न सम्मान” दूरदर्शन केन्द्र रायपुर द्वारा प्रसारित “कल्याणी कार्यक्रम” में “सर्वश्रेष्ठ पत्र लेखक सम्मान” ०३ जनवरी/२०१६ को समाज गौरव प्रकाशन रायपुर द्वारा राजनांदगांव में आयोजित राज्य स्तरीय “समाज गौरव सम्मान” प्रदान किया गया।

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२१फरवरी/२०१६ को सद्गुरु कबीर कुटी लहुरी कांशी रतनपुर में “सद्गुरु कबीर सम्मान, २१फरवरी/२०१९ को अहिर नृत्य कला परिषद बिलासपुर द्वारा ग्राम देवरहट (मुंगेली) में “छत्तीसगढ़ी साहित्य रत्न सम्मान, ०१ अक्टूबर/२०१९ को शहजादे कशिश म्यूजिकल ग्रुप बिलासपुर द्वारा “यादें मु. रफी प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार २० अक्टूबर/२०२० को समन्वय साहित्य परिवार बिलासपुर द्वारा “अभिनंदन पत्र एवं सम्मान” दि. २८.९.२०१९ को आकांक्षा म्यूजिकल ग्रुप बिलासपुर द्वारा आयोजित स्व. महेंद्र कपूर संगीत प्रतियोगिता में विशेष पुरस्कार, अनेक शैक्षणिक संस्थानों स्कूलों/कालेजों द्वारा सम्मानित | अनेक धार्मिक, सांस्कृतिक मंचों द्वारा सम्मानित किए गए हैं | वैभव प्रकाशन रायपुर द्वारा आयोजित रजत जयंती समारोह रायपुर में “शिवनाथ स्वाभिमान” से सम्मानित किए गए हैं।

इनके द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी कहानी संग्रह”सुलछना” २००१ में प्रकाशित हुई है। आपके द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह “भोजली-जवांरा” २०१६ में प्रकाशित हुई है। आप ने लगभग २०पुस्तकों की संपादकीय कार्य किए हैं | २००४ में आपके द्वारा लिखित एवं स्वर में छत्तीसगढ़ी लोकगीत “वाह रे अलबेली” रिलीज हुई है।

साहू समाज एवं अन्य समाज के युवकों-युवतियों की लगभग ७५ जोड़े “आदर्श विवाह” संपन्न कराया है। साहित्यिक, सामाजिक, एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करके लगभग ३००० साहित्यकारों, लोककलाकारों, मेधावी छात्र छात्राओं को सम्मानित किए हैं। लगभग २७ वर्षों से साहित्य समिति के अध्यक्ष पद का दायित्व निर्वहन करते हुए स्वयं के व्यय पर अनेक यादगार कार्यक्रम आयोजित किए है।

वर्तमान में प्रदेश स्तरीय संस्थान-कला परंपरा-कला बिरादरी संस्थान छत्तीसगढ के “प्रांतीय महासचिव” का दायित्व निर्वहन कर रहे हैं। यह जानकारी संस्थान के प्रचार-प्रसार प्रभारी ने दी एवं संस्थान के पदाधिकारियों, सदस्यों ने शुभकामनाएं संप्रेषित किए हैं।

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