छत्तीसगढ़बिलासपुर

बिलासपुर का खनिज विभाग रेत की अवैध खुदाई रोकता है या करवाता है..? खनिज और पुलिस विभाग को सेंदरी में सरेआम चल रहा पोकलेन भी दिखाई नहीं देता..

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। हो सकता है आप यह सोचते हो कि खनिज विभाग का काम ही खनिज रॉयल्टी का 100% प्रदेश शासन के खजाने में जमा करना। और रेत समेत सभी खनिजों का अवैध उत्खनन तथा अवैध परिवहन करने वालों पर सख्त  दाण्डिक कार्रवाई करना। लेकिन बिलासपुर में खनिज विभाग ने अपनी भूमिका बदल ली है। यहां वह रेत का अवैध उत्खनन रोकता नहीं वरन करवाता है। अधिक दूर जाने की जरूरत नहीं है। बिलासपुर से कुछ ही दूर स्थित सेंदरी और कछार के बीच अरपा नदी में पोकलेन और जेसीबी से हर दिन 50 से अधिक हाईवा के जरिए रेत की अवैध खुदाई और तस्करी की जा रही है।

Advertisement
Advertisement

इस अवैध धतकरम में पोकलेन के जरिए रेत चोरों के साथ अवैध सांठगांठ करने वालों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि उन्हें अब ना तो खनिज विभाग का डर है और ना ही पुलिस का। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूरी सख्ती से आदेश दिया था  कि प्रदेश में जहां कहीं भी रेत का अवैध उत्खनन और तस्करी हो रही है। वहां पुलिस कप्तान और जिला कलेक्टर को इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा। लेकिन ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री का यह आदेश बिलासपुर जिले को छोड़कर बाकी पूरे प्रदेश के लिए घोषित हुआ होगा।

Advertisement

ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि इतने सख्त आदेश के बाद भी बिलासपुर में ना तो रेत चोरों ने अरपा नदी में रेत का अवैध उत्खनन बंद किया और ना ही खनिज विभाग ने इसके लिए कोई पहल ही की। दरअसल खनिज विभाग ने रेत के चोरों को दुधारू गाय मान लिया है। इसलिए दिखावे के लिए भले ही सप्ताह में एकाध दिन कहीं रस्मी तौर पर कार्रवाई करने वाला खनिज विभाग शायद बिलासपुर में मुख्यमंत्री के आदेश को नहीं मानता।

Advertisement

अगर ऐसा नहीं होता तो बिलासपुर जिला मुख्यालय के पास ही अरपा नदी के सीने पर पोकलेन और हाईवा की मदद से अंधाधुध रेत की खुदाई और परिवहन नहीं किया जाता। अगर किसी को सरेआम की जा रही इस रेत चोरी का नजारा देखना है तो बिलासपुर के नजदीक मात्र 13 किलोमीटर दूर स्थित सेंदरी मैं पोकलेन के जरिए अल्पा नदी में चल रही रेत की अवैध खुदाई और परिवहन का प्रमाण और परिदृश्य आसानी से देख सकता है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button