छत्तीसगढ़

तेंदुए के शावक की मौत, वन विभाग कर रहा जांच

(उज्ज्वल तिवारी) : पेंड्रा। जीपीएम जिले के मरवाही वन मंडल के अंतर्गत खोडरी वन परिक्षेत्र में तेंदुए के शावक की मौत का मामला सामने आया है। जहां मिली जानकारी के अनुसार अपनी मां से बिछड़ा तेंदुए का यह शावक ग्रामीणों को जीवित अवस्था में जंगल से सटे गांव में मिला था। जिसे उन्होंने खोडरी वन परिक्षेत्र के वन अधिकारियों को सौंप दिया गया था। 

वन विभाग को नियमानुसार वन विभाग के इसे रेस्क्यू सेंटर भेजना था। जहां उसकी उचित देखभाल हो सकती थी। लेकिन ऐसा न कर वन अधिकारियों ने इसे अपने पास ही रखा और आज सुबह शावक की मौत हो गई। वहीं वन विभाग अब मामले की लीपापोती करने में जुटा हुआ है। वन विभाग का अब कहना है कि तेंदुए का तीन माह का शावक कुपोषित एवं कमजोर अवस्था में था। जिसके कारण उसकी मौत हुई है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा कि आखिर किन कारणों से शावक की मौत हुई है।

इस तरह से जबकि पोस्टमार्टम करने वाली पशु चिकित्सा का मानना है कि तेंदुए के शावक के पेट में फटा हुआ दूध मिला हो सकता है। फिलहाल वन विभाग पूरे मामले पर खुलकर कोई बयान नहीं दे रहा है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। जानकारों का कहना है कि इस शावक को गलत तरीके से दूध पिलाने के कारण ही उसकी मौत हुई है। बहरहाल, तेंदुए के शावक का खोडरी वन परिक्षेत्र क्षेत्र के प्रांगण में वन अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया गया है।

वही डीएफओ शशि कुमार का कहना है कि यह मामला खोडरी रेंज का है। जहां शाम के समय हमें सूचना मिली थी कि तेंदुआ का बच्चा घूमते हुए मिला था है। जो कि यह लगभग दो से तीन महीने का रहा होगा। वहीं डी एफ ओ ने कहा कि इसकी मृत्यु मल्टीपल ऑन मिसिबल के कारण इसकी मृत्यु हुई है। हम लोग एंटिसेल की जो गाइडलाइन है उस गाइडलाइन को फॉलो करते हैं जिसमें जितने भी नियम है उन नियमों के तहत उसका पीएम हमने करवाया है।

वही डीएफओ ने बताया कि हमारे द्वारा इनके बचाव के लिए हम मुहिम चला रहे हैं। वही डीएफओ ने कहा कि अभी यह किस क्षेत्र से आया है यह अभी नहीं बता सकते हैं लेकिन यह बच्चा है जो कि इसकी मां कहीं होगी जो की जंगल में विचरण कर रही होगी, और बच्चा जहां से हमें मिला है उसे उस जगह से 500 मीटर में रैखिक करवाया गया है।

ताकि और कोई पार्ट्स तो नहीं है। साथ ही उस जगह से 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पर जितने भी गांव हैं उन गांव में मुनियादी करवाया जाएगा साथ ही आने वाले दो-तीन दिन सतर्क रहने की बात भी कही गई है। साथ ही जो बच्चा हमे मिला है वह कुपोषित अवस्था में हमें मिला था इसकी रिपोर्ट 15 से 20 दिनों में हमारे पास आ जाएगी, जिसके बाद हम इस पर कुछ बता पाएंगे।

वही एन टी सीए के सदस्य मंसूर खान ने बताया कि मैं एन टी सीए के सदस्य के रूप में उपस्थित हुआ था। जहां मुझे आज सुबह जानकारी मिली कि खोडरी रेंज में तेंदुए के बच्चा मिला था जिसकी मृत्यु हो गई थी।

वहीं पीएम करवाने के बाद देखने और पता करने से यह पता चला कि इसकी मृत्यु निमोनिया से हो गई है। वहीं उन्होंने बताया कि सामान्य रूप से मां कमजोर बच्चों को छोड़ देती है। हो सकता है कि उस बच्चे के साथ और भी बच्चे रहे होंगे। जिन्हें मां अपने साथ ले गई होगी।

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