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जातिसूचक नारे लिखने को लेकर जेएनयू में विवाद गहराया…..VC बोले- नियम तोड़ने वालों से सख्ती से निपटेंगे

(शशि कोन्हेर) : कुछ साल पहले छात्रों की राष्ट्र विरोधी हरकतों के लिए बदनाम हुआ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में है। इस बार विश्वविद्यालय में जाति विरोधी नारे लिखकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अगड़ी जातियों को निशाना बनाया गया है। इसके अलावा अगड़ी जाति के शिक्षकों के खिलाफ भी नारे लिखकर, उन्हें वापस लौटने के लिए कहा गया है।

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कुलपति कुलपति प्रो. शांतिश्री डी पंडित ने स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज (एसआइएस) और शिकायत समिति के डीन को मामले की जांच कर अतिशीघ्र रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि जेएनयू समानता में विश्वास रखता है। इस तरह की घटनाएं कतई बर्दाश नहीं की जाएंगी। परिसर में नियमों को जो भी तोड़ेगा उसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे मामलों में जीरो टालरेंस की नीति अपनाई जाएगी।

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परिसर में अगड़ी जातियों को निशाना बनाते हुए लिखे नारे
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार की सुबह जब छात्र और शिक्षक जेएनयू पहुंचे तो दीवारों पर लिखे नारे देखकर हतप्रभ रह गए। यह नारे 30 नवंबर की रात लिखे जाने की बात सामने आ रही है। शरारती तत्वों ने स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज द्वितीय, स्कूल आफ लैंग्वेज, लिटरेचर व कल्चरल स्टडीज द्वितीय सहित कई विभागों के परिसर में अगड़ी जातियों को निशाना बनाते हुए यह नारे लिखे हैं। इसमें शिक्षकों और छात्रों के लिए लिखा था कि ‘संघ की शाखा में वापस जाओ’।

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यही नहीं, कई नारों में अंग्रेजी में यहां तक लिखा था कि ‘मैं तुम्हारे लिए यहां आया हूं, जेएनयू छोड़ो, भारत छोड़ो’। इसके अलावा शरारती तत्वों ने शिक्षिका वंदना मिश्रा, शिक्षक प्रवेश कुमार, राज यादव और नल्लीन कुमार महापात्रा के कमरे के बाहर भी इसी तरह के नारे लिखे थे।

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