देश

हिमाचल में लागू हुई पुरानी पेंशन योजना (ओटीएस) कांग्रेस ने पूरा किया वादा

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : राज्य में ओपीएस के लागू होने से राज्य के 1.36 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे. ओपीएस बहाल करने वाला हिमाचल चौथा राज्य हो गया है. इसके अलावा महिलाओं को हर महीने 1500 पेंशन और एक लाख नोकरी देने को लेकर भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है और इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी एक महीने में रोडमैप बनाकर कैबिनेट को सौंपेगी.

Advertisement
Advertisement

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के पहले वादा किया था कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस बहाल करेगी. 1.36 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ होगा. ये लोहड़ी का तोहफा कर्मचारियों को सरकार ने दिया है. इसके लिए काफी चुनौतियां आईं और आगे काफी वित्तीय बोझ सरकार पर पड़ेगा.

Advertisement

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार कर्मचारियों को 9 हजार का एरियर नहीं दे पाई. अब कर्मचारियों का 4430 करोड़ का एरियर देने को है. रिटायर हुए कर्मचारियों का 5226 करोड़ बकाया है. 6वें वेतन आयोग को लागू करने के बाद कर्मचारियों का हजार करोड़ डीए देने को है. बीजेपी कुल 11 हजार करोड़ की अदायगी कांग्रेस सरकार की झोली में डालकर गई है.

Advertisement

सीएम ने कहा कि 900 के करीब संस्थान खोल दिए गए. 80 प्रतिशत कॉलेज एक टीचर के सहारे खोल दिए गए. अंतिम 6 महीने में देवीय शक्ति आ गई जिससे ये संस्थान खोल दिए गए. 5 हजार करोड़ का खर्चा इन संस्थानों पर किया गया. पिछली सरकार 75 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कड़े फैसले लेने होंगे जो प्रदेश के हित में होंगे. पहली बैठक में महिलाओं को 1500 देने की घोषणा पर मुहर लग गई है. इस कार्य के लिए धनी राम सांडिल, अनिरुद्ध सिंह व चंद्र कुमार की अध्यक्षता में सब कमेटी बनाई गई है, जो 30 दिन के अंदर इसका खाका तैयार करेगी.

साथ ही 1 लाख युवाओं को रोजगार देने के लिए भी तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जिसमें हर्षवर्धन चौहान, रोहित ठाकुर, जगत सिंह नेगी शामिल होंगे. यह कमेटी 1 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपेगी. यह सरकार पूर्व की भाजपा सरकार की तरह रोजगार नही देगी जिसमे पेपर पहले ही बिक जाता है.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को राज्य सचिवालय में कर्मचारियों को दिए भाषण में कहा था, ‘‘हम वोटों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल नहीं कर रहे, बल्कि हिमाचल के विकास में इतिहास रचने वाले कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और उनके आत्मसम्मान के संरक्षण के लिए ऐसा कर रहे हैं.”

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button