छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने बनाई 60 अफसरों की टीम, औचक निरीक्षण में 10 मुख्यालय मिले बंद, सचिवों को कारण बताओ नोटिस….

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कोरिया – कलेक्टर श्याम धावड़े की बनाई 60 अधिकारियों की टीम शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं के जिले में संचालन की निगरानी के साथ ही गांवों में पंचायती सुविधाओं का लाभ भी निर्बाध रूप से लोगों को मिलता रहे, इसके लिए ग्राम पंचायत मुख्यालय का भी सतत भ्रमण कर रही है और नोडल अधिकारियों द्वारा यथास्थिति की जायजा लेकर भ्रमण प्रतिवेदन के रूप में जिला प्रशासन तक पहुंचाया जा रहा है। लगातार गांवों में औचक निरीक्षण कर ग्राम स्तर पर लोगों की समस्याओं से भी अवगत होकर जल्द से जल्द उनका निराकरण कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाने का प्रयास भी किया जा रहा है।

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इसी क्रम में कलेक्टर धावड़े के निर्देश पर चालू माह में ही ग्राम पंचायतों के लिए नोडल अधिकारी अपने प्रभार के गांवों में पहुंचे, जहां उन्हें ग्राम पंचायत मुख्यालय निर्धारित समय पर बंद मिले। इसकी जानकारी प्रतिवेदन में जिला प्रशासन के प्रस्तुत की गई। भ्रमण प्रतिवेदन में मिली शिकायतों एवं समस्याओं के निराकरण के क्रम में अब भ्रमण के दौरान ग्राम पंचायत मुख्यालय के बंद पाये जाने की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए जिला पंचायत सीईओ कुणाल दुदावत द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों के सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनमें विकासखंड खड़गवां के ग्राम पंचायत कन्हारबहरा, जिल्दा और दुग्गी, विकासखंड बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत गिरजापुर, अमहर, रामपुर, छिन्दिया और खोडरी तथा विकासखंड सोनहत के ग्राम पंचायत नटवाही और केशगवां के सचिवों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्याम धावड़े द्वारा शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं की सतत निगरानी, मानीटरिंग एवं अनुश्रवन तथा कोविड 19 के रोकथाम, बचाव हेतु अधिकारियों को ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

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सचिवों को जारी नोटिस में कहा गया है कि ग्राम पंचायतों में शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता एवं महत्वाकांक्षी योजनाओं के निगरानी, मॉनिटरिंग अनुश्रवन तथा कोविड-19 बचाव हेतु जागरूकता के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत के औचक निरीक्षण पर ग्राम पंचायत मुख्यालय बंद पाया गया। पूर्व में भी ग्राम पंचायत कार्यालय को प्रतिदिन खुला रखना हेतु निर्देशित किया गया है। इस निर्देश के बावजूद ग्राम पंचायत कार्यालय का बंद पाया जाना उच्च कार्यालय के आदेश की अवहेलना है। जारी नोटिस में इस संबंध में स्पष्टीकरण 03 दिवस के भीतर मांगा गया है और निर्धारित समयावधि में प्रत्युत्तर व स्पष्ट कारण ना मिलने की दशा में एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाने की भी बात कही गयी है।

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