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बिहार में जातिगत जनगणना का मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा…..पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती

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(शशि कोन्हेर) : बिहार में हो रही जातिगत जनगणना का मुद्दा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शीर्ष अदालत में इसे लेकर एक याचिका दायर की गई है। इसमें पटना हाईकोर्ट के 1 अगस्त के फैसले को चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को जातिगत जनगणना को सही ठहराते हुए उसके खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। अब इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई है। हालांकि, नीतीश सरकार ने पहले ही कैविएट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसका पक्ष जाने बिना कोई आदेश न दिया जाए।

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जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी दायर की गई। वकील तान्याश्री ने आवेदक अखिलेश कुमार की ओर से यह अर्जी शीर्ष अदालत में लगाई। एक दिन पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में नीतीश सरकार की ओर से कैविएट दायर किया गया था। इसमें सरकार की ओर से कहा गया कि अगर जातिगत गणना पर रोक लगाने की मांग वाली कोई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर हो तो, बिना सरकार का पक्ष जाने बिना आदेश न दिया जाए।

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पटना हाईकोर्ट ने दी थी जातिगत गणना को हरी झंडी
हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को जातिगत जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। अदालत ने बिहार सरकार के जाति गणना कराने के फैसले को सही ठहराया और उसके खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इससे पहले मई महीने में हाईकोर्ट ने जातिगत गणना पर अस्थायी रोक लगा दी थी, जिससे इसका काम बीच में ही अटक गया था। अब हाईकोर्ट के अंतिम आदेश के बाद राज्य में जातीय गणना का काम फिर से शुरू हो गया है।

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