भूपेश सरकार को राजनांदगांव से है सरोकार : महापौर
कांग्रेस नेत्री ने कहा- आम जनता को बरगलाना बंद करें डॉ. रमन सिंह
नांदगांव के विधायक हैं तो नांदगांव में ही जनता के बीच रहें-हेमा देशमुख
(उदय मिश्रा) : राजनांदगांव – महापौर एवं प्रदेश महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष हेमा देशमुख ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कोई लेना-देना नहीं संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए सवाल किया है कि राजनांदगांव के मौजूदा विधायक होने के बावजूद वे स्वयं केवल दो-तीन घंटे के लिए राजनांदगांव आते हैं और बाकी समय राजधानी में ही बिताते हैं ? जब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब उनके पास पूरे छत्तीसगढ़ का जिम्मा था, किंतु अब जबकि वे सिर्फ एक विधायक हैं, इस नाते उन्हें पूरे समय अपने विधानसभा क्षेत्र में ही रहकर आम जनता से मिलना-जुलना चाहिए।
महापौर एवं प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष श्रीमती देशमुख ने कहा कि डॉ. रमन सिंह को मुख्यमंत्री पर आरोप लगाने के पहले सोचना चाहिए कि अब वे खुद कितने पानी में हैं? राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहता है, लेकिन प्रदेश में 15 वर्षों तक सत्ता में काबिज रहने वाले डॉ. रमन सिंह को इस बात को भी याद रखना चाहिए कि वे अब सिर्फ विधायक हैं, न कि मुख्यमंत्री। भूपेश बघेल सरकार पिछली भाजपा सरकार की तुलना में उससे कई गुना अच्छा और बेहतर काम कर रही हैं। भूपेश सरकार राजनांदगांव शहर सहित पूरे जिले में विकास कार्यों को बेहतर ढंग से अंजाम दे रही है। कांग्रेस सरकार के कार्यों से आम जनता में कहीं कोई नाराजगी और परेशानी नहीं है, बल्कि परेशानी भाजपा वालों को हो रही है कि प्रदेश की जनता ने उन्हें सत्ता से खदेड़ दिया है। डॉ. रमन सिंह का बयान भी हाथ से सत्ता छीनने के दर्द के रूप में सामने आ रहा है। जनता परेशान नहीं, बल्कि पहले से कहीं और अधिक खुश हैं, लेकिन भाजपाइयों के पेट में मरोड़ जरूर हो रहा है। 15 वर्षों तक एकछत्र राज चलाने वाले भाजपाइयों को सत्ता छीन जाने का दर्द होना स्वभाविक है।
कांग्रेस नेत्री श्रीमती देशमुख ने कहा कि डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बदनाम करने के लिए बड़ी आसानी से आरोप लगाते हैं कि भूपेश सरकार गरीबों की थाली में कांटामारी कर रही है, लेकिन वे खुद यह भूल जाते हैं कि रमन सरकार के 15 वार्षो के कार्यकाल में ३६ हजार करोड़ रूपए का नान घोटाला भी सामने आया था, इसी तरह पनामा पेपर कांड भी सामने आया था, जिसमें तत्कालीन सांसद रहे उनके पुत्र अभिषेक सिंह के नाम पर विदेश में बैक खाता का पता चला था जिसमें 5 करोड रूपये जमा करने की बात सामने आई थी। भूपेश सरकार पर तमाम तरह के आरोप लगाने वाले डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में ही जनसंपर्क विभाग में आठ करोड़ का संवाद फिल्म घोटाला, दस लाख फर्जी राशन कार्ड घोटाला, इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाला, राजनांदगांव दिग्विजय स्टेडियम के कबाड में हेरा फेरी सहित कई बड़े घोटाले सामने आए, जो रमन सरकार की उपलब्धियां रही हैं। 15 साल के शासन के अंतिम पड़ाव में आने पर जब डॉ. रमन सिंह को इस बात का एहसास हुआ कि अबकी बार प्रदेश की जनता उन्हें सत्ता से बेदखल करने वाली है, तब उन्होंने भाजपा के रायगढ़ अधिवेशन में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से खुलकर अपील भी की थी कि एक साल के लिए कमीशन छोड़ दो, फिर हमें कोई सत्ता से नहीं हटा सकता। डॉ. रमन के इस बयान से यह साफ था कि उनके शासन काल में कमीशनखोरी का खेल बेखौफ चल रहा था, जिसकी जानकारी उन्हें भी थी। मतलब साफ है कि कमीशनखोरी और प्रदेश में हुए भ्रष्टाचार और घोटालों में वह भी बराबर के हिस्सेदार थे, जो आज सत्ता से बेदखल होने के बाद भूपेश सरकार को बदनाम करने के लिए तमाम तरह से जनता को बरगलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जनता उनकी बातों में नहीं आने वाली है।
महापौर एवं प्रदेश महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष हेमा देशमुख ने फिर दोहराया कि डॉ. रमन सिंह अब मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि सिर्फ एक विधायक हैं। राजनांदगांव की जनता ने उन्हेें अपना बहुमूल्य मत देकर जिताया है, इसलिए वे राजनांदगांव में ही अपना पूरा समय देकर जनता की सेवा करें।