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ऐन चुनाव के पहले कर्नाटक कांग्रेस में बढ़े गुटबाजी के झगड़े…राहुल ने दी एकजुटता की सलाह

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बेंगलुरु – विधानसभा चुनाव से एक साल से भी कम समय पहले कांग्रेस की कर्नाटक इकाई में खींचतान के बीच पार्टी नेता राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक अहम बैठक की. इस दौरान उन्होंने पार्टी इकाई से एकजुट होने और आगामी चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एक साथ लड़ने की अपील की. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा कि वे सार्वजनिक मंचों पर पार्टी के आंतरिक मामलों और नेतृत्व के मुद्दों पर चर्चा ना करें. राहुल गांधी पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के 75वें जन्मदिन समारोह में हिस्सा लेने के लिए कर्नाटक पहुंचे हैं.

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उन्होंने चित्रदुर्ग में मुरुगा मठ के महंत से भी मुलाकात की. राहुल गांधी का प्रमुख लिंगायत धार्मिक स्थल का दौरा अहम है, क्योंकि इस समुदाय का 17 फीसदी वोट बैंक है. जो भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है और परंपरागत रूप से उनके साथ रहा है.

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ऐसी आशंका है कि अगर मुख्यमंत्री पद को लेकर दो नेताओं – विधायक दल के नेता सिद्धारमैया और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच खींचतान खत्म नहीं हुई तो विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में दरार पड़ सकती है.

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राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा, ‘कर्नाटक का पूरा नेतृत्व एक साथ हाथ मिलाएगा और 2023 के चुनाव में जीत हासिल करेगा. जाने-अनजाने में मीडिया के सामने इधर-उधर कुछ बयान दिए जाते हैं. उस जाल में ना फंसें. पार्टी के नेताओं को बाहर या अंदर अलग-अलग नहीं बोलना चाहिए.’ कर्नाटक कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति की 9 जुलाई को स्थापना के बाद पहली बार मंगलवार को बैठक हुई.

सिद्धारमैया के समर्थकों ने उनके जन्मदिन पर एक भव्य समारोह की योजना बनाई है, जो उनके खेमे द्वारा शक्ति का एक स्पष्ट प्रदर्शन है. अल्पसंख्यातरू (अल्पसंख्यकों), हिन्दुलीद्वार (पिछड़ा वर्ग) एवं दलितों को एकजुट करने के पूर्व मुख्यमंत्री के AHINDA फॉर्मूला से प्रतिद्वंद्वी BJP और JDS के वोट बेस को नुकसान हो सकता है.

हालांकि, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ने खुले तौर पर कहा है कि मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक और चुनाव में बहुमत हासिल करने पर आलाकमान करेगा. हालांकि, उनके समर्थकों द्वारा अपने-अपने नेताओं को पेश किया जा रहा है, जिससे चीजें खराब हो रही हैं.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दावा किया है कि शीर्ष पद के लिए पार्टी में कोई अंदरूनी कलह नहीं है और कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच तनातनी के बारे में खबरें बनाने के लिए मीडिया को दोषी ठहराया.

मुख्यमंत्री पद को लेकर जहां दो गुटों के बीच खींचतान तेज हो गई है, वहीं कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने सीएम पद के लिए कांग्रेस के लिंगायत नेता एसआर पाटिल को पेश किया है.

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