छत्तीसगढ़

बैंक रेरा द्वारा पंजीकृत हाउसिंग प्रोजेक्ट को ही प्राथमिकता के साथ ऋण प्रदान करें : ढांड

Advertisement


(शशि कोन्हेर) :रायपुर। छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के अध्यक्ष श्री विवेक ढांड ने बैंकर्स, चार्टड एकाउन्टेड तथा बिल्डर्स की बैठक ली। राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए श्री ढांड ने कहा कि बैंक उन्हीं हाउसिंग प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से ऋण प्रदान करें जो रेरा द्वारा पंजीकृत हो। साथ ही बैंक उपभोक्ताओं को भी रेरा में पंजीकृत संपत्तियों को आसानी से तथा प्राथमिकता से ऋण प्रदान करें ताकि अपंजीकृत प्रोजेक्ट से आम उपभोक्ता बचे। ऐसे अपंजीकृत प्रोजेक्ट में निवेश करना जोखिम भरा होता है।

Advertisement
Advertisement


ढांड ने रेरा एक्ट के महत्व एवं क्रियान्वयन को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे देश में रियल स्टेट सेक्टर में दिनों-दिन वृद्धि हो रही है इसका देश के जीडीपी में 6 प्रतिशत का योगदान था आने वाले 6-7 वर्षों में यह योगदान 10 प्रतिशत हो जाएगा। उन्होंने कहा रेरा के गठन के पहले छत्तीसगढ़ के रियल स्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की कमी थी परन्तु इसके गठन के पश्चात उत्तरदायित्व में वृद्धि हुई है। केन्द्र सरकार और मानवीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद रियल स्टेट सेक्टर को नियमित करने की आवश्यकता समझी गई इससे ही रेेरा एक्ट का जन्म हुआ।

Advertisement

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में आम लोगों की आय बढऩे से हाउसिंग सेक्टर में भी वृद्धि होगी। रेरा ने रियल स्टेट सेक्टर को नियमित करने का कार्य किया है जिससे ग्राहकों और निवेशकों को कोई परेशानी न हो। इससे इस क्षेत्र में पारदर्शिता आई है। रियल स्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आने से निजी क्षेत्रों में विश्वसनीयता बढ़ी है, इससे उपभोक्ता प्राइवेट बिल्डर्स के साथ-साथ हाउसिंग बोर्ड के मकानों में रूचि दिखा रहे है।
श्री ढांड ने कहा इस बार छत्तीसगढ़ सरकार रियल स्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। जमीन की गाइडलाइन पिछले तीन वर्षों से नहीं बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि रेरा हर हाउसिंग प्रोजेक्ट पर बारीकी से नजर रखता है जिससे उपभोक्ता की रूचि हाउसिंग बोर्ड और निजी क्षेत्र के प्रोजेक्ट पर बनी रहे। रेरा द्वारा अनुमोदित प्रोजेक्ट गुणवत्ता मानक के रूप में माने जाते है। श्री ढांड ने कहा उपभोक्ताओं की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। अभी तक 1496 शिकायतों का निवारण हो चुका है। रेरा डिजिग्नेटेड अकाउंट के माध्यम से हर प्रोजेक्ट पर नजर रखी जाती है। बैंकर्स और सीए की मदद से सुनिश्चित किया जाता है कि जो पैसा रेरा डिजिग्नेटेड अकाउंट में स्थानांतरित किया गया है वो सिर्फ प्रोजेक्ट के कार्यों के लिए ही उपयोग हो।
श्री ढांड ने छत्तीसगढ़ आवास योजना (सिंगल विंडो सिस्टम) के महत्व के संबंध में भी बताया। पहले इससे जुड़े प्रोजेक्ट की अनुमति प्राप्त करने में करीब 18 महीने लग जाते थे अब 6 महीने में अनुमति मिल जाती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ रेरा की वेबसाइट के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह वेबसाईट आम लोगों के अनुकूल है और यह कार्यों में पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। इस कार्यक्रम में रेरा अकाउंट की ओपनिंग, रेरा डिजिग्नेटेड अकाउंट के प्रबंधन और प्रोजेक्ट से फाइनेंस पर चर्चा की गई। साथ ही बैंकर्स, चार्टड एकाउंटेड, बिल्डर्स के रेरा एक्ट के संबंधित शंकाओ का समाधान किया गया। इस कार्यक्रम को श्रीमती शीतल वर्मा निदेशक संस्थागत वित्त ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में रेरा की रजिस्ट्रार डॉ. अनुप्रिया मिश्रा, श्रीमती दीपा कटारे न्याय निर्णायक अधिकारी छत्तीसगढ़ रेरा, श्री राधाकृष्ण राव एसएलबीसी कन्वेनर तथा अन्य अतिथिगण उपस्थित थे।

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button