छत्तीसगढ़

सीहोर वाले बाबा ने जगाई शिव भक्ति की नई अलख,शिव मन्दिरो बढ़ रहीं भक्तों की भीड़

(भूपेंद्र सिंह राठौर): देवों के देव महादेव के प्रति भक्ति यूँ तो कोई नई बात नहीं है। वर्ष भर उनको किसी न किसी रूप में, किसी पर्व- दिवस पर विशेष पूजा अर्चना होते रहती है, लेकिन विगत एक- दो वर्ष से सीहोर वाले बाबा के नाम से प्रख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव कथाओं ने शिव भक्ति की एक नई अलख जगाई है। आलम यह है कि इन दिनो क्षेत्र के सभी शिवालयों में शिव भक्त माताओं, बहनों ही नहीं ही नहीं वरन समाज के सभी वर्ग के लोग भी बड़ी संख्या में दर्शन पूजन को पहुंचने लगे हैं।

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हमारे देश ही नहीं वरन विदेशों में भी हिंदू धर्मावलंबी हमेशा से देवी देवताओं की विविध रूपों की पूजा अर्चना करते रहे हैं और इनमें धार्मिक आस्था कूट-कूट कर भरी है। कुंभ जैसे विशाल आयोजन हो,चार धाम यात्रा, अमरनाथ यात्रा, बोल बम यात्रा या छोटे स्तर पर कोई भी धार्मिक आयोजन….!आस्था और विश्वास ऐसी की धर्मावलंबी विपरीत परिस्थितियों में भी खींचे चले आते हैं। यह कोई नई बात नहीं है और आदिकाल से किसी न किसी रूप में ईश्वर की भक्ति आस्था को मजबूत करते रही है।वर्तमान में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव भक्ति की ऐसी तान छेड़ी है कि इस कथा गंगा में डुबकी लगाने लोग उमड़ पड़े हैं।भक्तों मे ऐसा जुनून छाया हुआ है कि गांव हो या शहर…! बस शिव भक्ति का नजारा दिखता है। एक दौर था जब धार्मिक फिल्म ‘जय संतोषी मां’ फिल्म के बाद संतोषी माता के प्रति आस्था दर्शकों के सिर चढ़कर बोला और शुक्रवार व्रत कथा का प्रचलन शुरू हुआ यह लगभग दो दशक तक छाया रहा।  इसके बाद श्री वैभव लक्ष्मी व्रत और विगत कुछ वर्ष में साईं बाबा के प्रति लोगों की आस्था अटूट हुई। कई भागवत आचार्यों की श्रीमद् भागवत कथा ने कृष्ण भक्ति को एक नया रूप दिया। हाल ही में श्रीमद् भागवत कथा वाचक श्री अनिरुद्धचार्य छाए हुए हैं और घर घर में लड्डू गोपाल की विविध मूर्तियां विराजमान है। और अब शिव पुराण की कथा के माध्यम से पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव भक्ति की बयार चल रही है।

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पं मिश्रा के शिव पूजा के सहज, सरल, सुलभ आसान पूजा पद्धति के साथ श्री पशुपतिनाथ व्रत के लाभ सहित ऐसी छोटी छोटी धार्मिक घरेलु बातें या तरीके महिलाओं और युवतियों को इस ओर आकर्षित कर रहे हैं जिससे घर में परिवार में समाज में सुख शांति समृद्धि और खुशहाली आए। ऐसा ही नहीं कि यह महज अंधभक्ति है बल्कि इसके मनोकामना पूर्ण होने का दावा भी व्रती शिवभक्त करते हैं। यही कारण है कि है गांव हो या शहर लोगों में शिव भक्ति का जुनून छाया हुआ है और प्रतिदिन क्षेत्र के शिवालयों में शिवभक्त अपनी इसी आस्था और विश्वास के साथ दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। पाली के प्राचीन शिव मंदिर में वैसे तो प्रत्येक सोमवार, सावन माह या महाशिवरात्रि पर्व पर शिव भक्त पहुँचते ही हैं लेकिन इन दिनों पंडित मिश्रा से प्रेरित होकर श्री पशुपतिनाथ व्रत को लेकर 42 डिग्री तापमान पर तपती धूप में नंगे पैर शिवभक्त सवेरे और शाम नियमित रूप से दर्शन पूजन को पहुंच रहे हैं।

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