गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, आंगनबाड़ी केंद्रों में लटका ताला

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(शशि कोन्हेर) : पेंड्रा। सरकार की वादाखिलाफी को लेकर इन दिनों प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिसके कारण अब इस हड़ताल का सीधा असर नौनिहालों पर पड़ता दिखाई दे रहा है। लगातार अपनी मांगों को लेकर बीच-बीच में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाऐं सरकार से गुहार लगाती रही है। मगर 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी जब सरकार ने उनकी सुध नहीं ली तो अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर बैठ गई है। जिसके कारण गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में भी आंगनबाड़ी केंद्रों में ताला लटका नजर आ रहा है। वही महिला बाल विकास से संबंधित सभी काम भी ठप हो चुके हैं।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि सरकार उनको जो मानदेय देती है। वह भी काफी कम है। जिसके कारण उनको अपना घर चलाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इसमें कलेक्टर दर से वेतन, सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नति, पेंशन और शासकीय सेवकों की तरह सुविधाएं अहम है। संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में उन्हें कलेक्टर दर से वेतन देने का दावा किया था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के चार साल बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। कार्यकर्ता- सहायिकाएं लगातार अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है। इसके चलते अब अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत की गई है। जो मांग पूरी होने तक जारी रहेगी। जबकि महिला बाल विकास के अलावा भी उनके द्वारा कई विभागों का कार्य का निष्पादन किया जाता है।

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हम आपको बता दें कि गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला के लगभग बारह सौ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर धरना प्रदर्शन कर रहे है। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओ ने केंद्र सरकार के लाए गए बजट को जलाया गया है। वहीं अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों पर सरकार कितना विचार करती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव में इस अनिश्चितकालीन हड़ताल का असर जरूर देखने को मिलेगा। वहीं इस अवसर पर प्रमुख रूप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बड़ी संख्या में उपस्थित रहें।

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सोमवार को जिलेभर की कार्यकर्ता-सहायिकाएं धरना स्थल पर जुटी रही। जो अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करती रही। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों के खिलाफ नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के हड़ताल से कई योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होगा। आंबा कार्यकर्ताओं के माध्यम से ही महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं को पूरा किया जाता है। कुपोषण के लिए बंटने वाले आहार, गर्भवती माताओं के आहार से लेकर केंद्रों में बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी इनकी ही रहती है।


आंगनबाड़ी केंद्रों में टीकाकरण, गर्भवतियों की जांच, पोषण आहार का वितरण जैसे प्रमुख कार्य संचालित होते हैं। लेकिन अब हड़ताल से यह सभी कार्य प्रभावित रहेंगे। इधर प्रशासन के पास आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है। इससे साफ है कि हड़ताल खत्म होने तक केंद्रों में ताले लटके रहेंगे।

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