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भारत के द्वारा, रूस से एस 400 मिसाइल सिस्टम खरीदने से, अमेरिका को लगी मिर्ची, दोगलापन आया सामने

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(शशि कोन्हेर) : भारत के द्वारा रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदे जाने से अमेरिका का दोगला चरित्र सामने आ गया है। भारत से अपनी दोस्ती की बात करने वाला अमेरिका अब चाहता है कि भारत रूस से यह सिस्टम न खरीदे।अमेरिका की डिप्टी सेक्रेटी ऑफ स्टेट वेंडी शर्मन ने नई दिल्ली में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि जो भी देश एस-400 का इस्तेमाल करने का फैसला करता है, उन्हें लेकर हमारी नीतियां सार्वजनिक रही हैं. हमें लगता है कि ये खतरनाक है और ये किसी के भी सुरक्षा हितों में नहीं है. हालांकि, इसके बावजूद मैं कहना चाहूंगी कि भारत और अमेरिका के संबंध काफी मजबूत हैं. बता दें कि रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह से अमेरिका ने नैटो के सदस्य देश तुर्की पर प्रतिबंध लगाए थे. ऐसे में, इस बात की आशंका जताई जाती रही है कि अमेरिका भारत पर भी इस तरह के प्रतिबंध लगा सकता है.

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अमेरिकी प्रशासन को उम्मीद, मामला सुलझा लेंगे यूएस-भारत

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वेंडी शर्मन ने विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ अपनी मीटिंग के दौरान रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के भारत के कदम पर अमेरिका की असहजता को दोहराया. वेंडी से एक पत्रकार ने पूछा कि क्या रूस की एस-400 खरीदने पर अमेरिका भारत पर प्रतिबंध लगा सकता है? इस पर वेंडी ने कहा कि हम भविष्य को लेकर काफी सोच-विचार कर रहे हैं और हमारे देशों के बीच वार्ता से कई समस्याएं सुलझी हैं. हम उम्मीद करते हैं कि हम इस समस्या को सुलझाने में भी कामयाब होंगे.

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एक सोर्स के मुताबिक, वेंडी शर्मन और हर्ष श्रृंगला ने रूस के साथ भारत के एस-400 सौदे पर चर्चा की थी. भारत के रक्षा सचिव अजय कुमार जल्द ही अमेरिकी रक्षा नीति समूह की मीटिंग में शामिल होने के लिए वॉशिंगटन जाएंगे. इस बैठक में भी एस-400 मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है. अमेरिका इससे पहले भी कई मौकों पर संकेत दे चुका है कि रूस-भारत का एस-400 मिसाइल सौदा अमेरिका-भारत की रक्षा साझेदारी को खतरे में डाल सकता है।

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