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किसी के बाप से नहीं डरता अजित पवार और संजय राउत में क्यों छिड़ी रार?

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(शशि कोन्हेर) : शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) नेता संजय राउत ने एसीपी नेता अजित पवार पर तीखी टिप्पणी की है। संजय राउत ने कहा कि उन्हीं की वजह से पवार की एनसीपी में ऑपेरशन लोटस फेल हुआ। शिवसेना सांसद ने कहा, “मैंने सामना में सच्चाई लिखी जिस कारण एनसीपी में बीजेपी का ऑपेरशन लोटस फेल हो गया है। मेरी लिखी सच्चाई अजित पवार को चुभ क्यों रही है?”

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बता दें कि एनसीपी नेता अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर अफवाहें पिछले हफ्ते शुरू हुई थीं। उन्होंने अचानक अपनी पूर्व-निर्धारित बैठकें रद्द कर दी थीं और ऐसी टिप्पणियां कीं जिन्हें भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के प्रति उनके रुख में नरमी माना गया।

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हालांकि अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि वह जब तक जीवित हैं, अपनी पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। इसके साथ ही पवार ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह और उनके करीबी विधायक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने संजय राउत पर भी हमला बोला। हालांकि अजित पवार ने बिना संजय राउत का नाम लिया कहा कि कुछ लोग दूसरे दल के होते हुए एनसीपी के प्रवक्ता बन रहे हैं। उनसे यही कहना है कि अपने दल की बात करें।

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इस पर संजय राउत भी भड़क गए। उन्होंने कहा, “आज एनसीपी के कई नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दबाव है और बीजेपी इसी दबाव के चलते एनसीपी को तोड़ने में जुटी है। जब शिवसेना टूटी थी तो अजित पवार और उनकी पार्टी ने खूब वकालत की थी। अब जब मैं कर रहा हूं तो अजित पवार को बुरा क्यो लग रहा है? मैं MVA का चौकीदार हूं और ये मेरी जिम्मेदारी है कि इसमें शामिल सभी पार्टियां एक साथ रहें।” उल्लेखनीय है कि एमवीएम में शिवसेना(यूबीटी) के साथ-साथ कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) घटक है।

अजित पवार पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा कि सामना अखबार में एनसीपी में पड़ने वाली फूट के बारे में हमने सच लिखा था। सामना अखबार में हमेशा सच ही लिखा जाता है। उन्होंने कहा, “मैं सामना में लिखता रहूंगा, मैं किसी के बाप से नहीं डरता।” सामना अखबार के एक कॉलम में राउत ने लिखा था, “अजित पवार समेत एनसीपी नेताओं को ईडी की जांच और जेल जाने का डर बीजेपी दिखा रही है। जरंडेश्वर चीनी मिल की ईडी जांच में दायर चार्जशीट में अजित पवार का नाम नहीं आया। यह दबावतंत्र की राजनीति है।”

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