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अजित ने माफी मांगी, मगर शरद पवार एक शब्द नहीं बोले….NCP दफ्तर में चाचा-भतीजे के बीच क्या हुआ

(शशि कोन्हेर) : NCP यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फूट के बाद चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार फिर आमने-सामने आए। बात रविवार दोपहर की बताई जा रही है, जब अचानक एनसीपी के कुछ नेता सीनियर पवार के दफ्तर पहुंच गए। अब महाराष्ट्र की राजनीति में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, अगर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो साफ संकेत मिल रहे हैं कि भतीजे के उठाए कदम से पवार खुश नहीं हैं।

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एक मीडिया रिपोर्ट में एनसीपी के एक नेता के हवाले से बताया गया, ‘हमें जरा भी अंदाजा नहीं था कि ऐसा होगा। सभी 9 मंत्री और प्रफुल्ल भाई देवगिरि में बैठक कर रहे थे। अचानक सभी उठे और अपनी सुरक्षा और स्टाफ को छोड़कर तीन कारों में रवाना हो गए।’ प्रफुल्ल पटेल का कहना है, ‘हमने उनका आशीर्वाद लिया और पार्टी को एकजुट रखने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।’

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रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने सीनियर पवार से माफी मांगी, लेकिन पवार पूरी बातचीत के दौरान एकदम शांत रहे। खास बात है कि मंत्रियों ने कथित माफी की कोई वजह नहीं बताई। अब सीनियर पवार के एक करीबी सूत्र का कहना है, ‘अब जब सर्वे में नजर आ रहा है कि लोगों का समर्थन शरद पवार के साथ है, तो वे डर गए हैं। वे लोगों के मन में कन्फ्यूजन बनाना चाहते हैं। यह उनकी कोशिश है, लेकिन वे सफल नहीं हो पाएंगे।’

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उन्होंने आगे कहा, ‘यह पवार साहब का बड़प्पन है कि वह उनसे मुलाकात के लिए तैयार हुए, लेकिन उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा।’

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एनसीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने भी ट्वीट किया, ‘एनसीपी से अलग होने वाले समूह ने महाराष्ट्र के लोगों के तरीफ से उन्हें मिल रहे समर्थन को देखने के बाद अचानक शरद पवार साहेब की याद आ गई। आज का मिलना यह दिखाने का असफल प्रयास था कि वे अब भी संपर्क में हैं। ये सब सच्चाई को नहीं बदल सकते।’ उन्होंने पत्रकारों से यह भी कहा कि बैठक में क्या बात हुई, इसके बारे में जानकारी नहीं है।

हालांकि, अब तक सीनियर पवार की तरफ से इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। खास बात है कि 17 जुलाई से ही महाराष्ट्र विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। इधर, यह साफ नहीं है कि किस गुट के पास विधायकों का बहुमत है।

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