लखीमपुर-खीरी की हिंसक घटना में प्रशासन और किसानों के बीच हुआ समझौता, बृज किसानों के परिजनों को 45-45 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी तथा घटना की न्यायिक जांच के लिए प्रशासन हुआ तैयार
लखीमपुर-खीरी में हिंसा के बाद किसानों और प्रशासन के बीच हुई बातचीत में कई मुद्दों पर सहमति हुई है. प्रशासन ने घटना में मारे गए किसानों को 45-45 लाख और घायलों को 10-10 लाख रुपये सहायता राशि देने की बात कही है. इससे पहले लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके मांग की है कि इस घटना में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवज़ा दिया जाए.
टेनी ने एक बार फिर कहा है कि उनका बेटा इस घटना के दौरान घटनास्थल पर नहीं था बल्कि उनकी गाड़ी को निशाना बनाकर हमला किया गया जो कि एक हत्या की साज़िश भी हो सकती है.
“कार्यक्रम स्थल घटनास्थल से 3-4 किलोमीटर दूर था. अगर मेरा बेटा या मैं घटनास्थल पर होता तो हम ज़िंदा नहीं बचते.” उधर प्रशासन ने इस घटना के ज़िम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द गिरफ़्तार करने और इसकी न्यायिक जांच कराने पर सहमति दे दी है.
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस करके इसकी जानकारी दी है.
ये भी घोषणा की गई है कि मृतकों के आश्रितों को नौकरी, 8 दिन में आरोपियों की अरेस्ट, 45 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों को,घटना की न्यायिक जॉच की जाएगी, साथ ही घायलों को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. इस समझौते के बाद जाम हटाया जा रहा है. और शवों को पोस्ट मॉर्टम के लिए ले जाने की तैयार चल रही है.।इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी जिनमें 4 किसान और 4 आम लोग शामिल थे.