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बोली जीतने के बाद अब एयर इंडिया के 140 विमान भी टाटा के हुए, एयर इंडिया का 24000 करोड़ रुपए का ऋण भी टाटा के जिम्मे, जानिए 18000 कर्मचारियों का क्या होगा..?

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(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली: करीब तीन साल की मशक्कत के बाद आखिरकार मोदी सरकार एयर इंडिया को बेचने में सफल हो गई है। कंपनी को टाटा संस ने 18000 करोड़ रुपये में खरीदा है। टाटा को मालिकाना हक मिलने के बाद एक तरह से एयर इंडिया की घर वापसी हुई। क्योंकि 68 साल पहले, भारत सरकार ने टाटा से ही एयर इंडिया को खरीदा था। लेकिन हजारों करोड़ों का कर्जा होने के कारण विमानों का संचालन एयर इंडिया के बूते के बाहर हो गया था। इसलिए रतन टाटा ने आज हुई डील के बाद एयर इंडिया को लेकर वेलकम बैक कहा है। इस डील के साथ भारतीय एविएशन सेक्टर में टाटा ग्रुप की इंडिगो के बाद दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी हो जाएगी। इस डील के साथ ही एयर इंडिया से टाटा को न केवल एयर इंडिया के 140 विमान मिलेंगे, बल्कि उसे 98 घरेलू और विदेशी स्थानों की फ्लाइट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी मिलेगा। साथ ही भारत और विदेश में स्थित प्रॉपर्टी भी मिलेगी। इसके साथ ही कंपनी के 17984 कर्मचारी भी अब टाटा के होंगे और करीब 23 हजार करोड़ रुपये की कर्ज देनदारी भी टाटा के जिम्मे आ सकती है।

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क्या है डील

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टाटा संस को एयर इंडिया और उसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्‍सप्रेस लिमिटेड की 100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी मिलेगी। और इसके आलावा संयुक्‍त उद्यम के तहत कार्गो कंपनी एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्‍सेदारी, उसे मिलेगी। एयर इंडिया एक्सप्रेस में एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। वह लो कॉस्ट इंटरनेशनल रूट पर सेवाएं देती है। संपत्ति के रूप में दिल्‍ली, मुंबई हवाई अड्डों पर जमीन और भवन तथा कॉपोरेट कार्यालय हैं। इसके अलावा एयर इंडिया के लोगो टाटा को ट्रांसफर हो जाएंगे। जिसे वह 5 साल बाद किसी भारतीय को बेच सकेगा।

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