मां महामाया मंदिर ट्रस्ट कार्यालय में आरोप प्रत्यारोप के दौर में हुआ पब्लिक मीटिंग सम्पन्न…..
(विजय दानिकर) : बिलासपुर – नवरात्रि अब कुछ ही दिन शेष रह गई है जिसके तहत आज महामाया मंदिर ट्रस्ट के द्वारा नगर के आम नागरिकों की सुझाव व मार्गदर्शन के हेतु महामाया मंदिर कार्यालय भवन में एक बैठक आहूत की गई। यह बैठक के नगर के उपस्थित गणमान्य नागरिकों और मंदिर ट्रस्ट के बीच सम्पन्न हुई, जहाँ उपस्थित नागरिकों ने मंदिर ट्रस्ट से अपनी शिकायत व अपने सुझाव रखे।
नवरात्रि पूर्व महामाया मंदिर कार्यालय में रखी गई मीटिंग के दौरान महामाया ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारियों व ट्रस्टियों व नगर की जनता के बीच रखी गई, जहां कुछ लोग तो मंदिर की व्यवस्था बनाने के संबंध में अपनी सुझाव रखे तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने मंदिर ट्रस्ट के व्यवस्था को अनदेखी और के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की, जिसके तहत कुछ लोगों ने मंदिर ट्रस्ट को सुझाव देते हुए कहा कि इस कोरोना का के दौरान ट्रस्टियों द्वारा मास्क नहीं पहनने तथा शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं करते और दर्शनार्थियों को मास्क पहनने की बात कह औपचारिकता पूर्ण की जाती है जिस पर स्वयं उनके द्वारा अमल नहीं करने की बात उपस्थित संजय जायसवाल के द्वारा कही गई,इस बात पर संजीव गुप्ता के द्वारा पांच हजार मास्क दर्शनार्थियों के लिए ट्रस्ट को निःशुल्क देने की बात कही ,तो वहीं दूसरी ओर एडवोकेट सुरेंद्र शर्मा द्वारा ट्रस्ट में चल रही परिवारवाद पर अंकुश लगाने की बात पर जोर देते हुए उन्होंने अपना भड़ास निकाला। जिसके तहत उक्त बैठक के दौरान उनके द्वारा मंदिर ट्रस्ट पर यह आरोप लगाते हुए विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी,जिस पर उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट द्वारा नगर के लोगों को नवरात्रि पूर्व बैठक के दौरान बुलाया तो जाता है ,और उनके द्वारा दी गई सुझाव लेकर औपचारिकता पूर्ण की जाती है, किंतु उनके द्वारा दिए गए सुझाव को अमल में नहीं लाया जाता, जिसके तहत उन्होंने बिजली व्यवस्था व स्वच्छता संबंधित अपनी बात रखी। इसके अलावा उनका अगला बड़ा सवाल यह रहा कि ट्रस्ट के द्वारा अस्पताल व स्कूल बनाने के नाम से जो लगभग 22 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है ,किंतु जिस उद्देश्य उक्त भूमि को लिया गया था उसे उप काम में ना लाकर ठेके पर देकर काम चलाने की बात कही गई । तथा सबसे बड़ा मुद्दा सुरेंद्र शर्मा के द्वारा वंशवाद के ऊपर उठाया कि यदि किसी ट्रस्टी की मृत्यु होने के पश्चात ट्रस्ट की राय सलाह से उनके पुत्र को ट्रस्टी नियुक्त कर दिया जाता है ,जिसे उन्होंने कानूनन गलत करार देते हुए इस बात पर विरोध प्रकट किया, और अंत मे ट्रस्ट में समय समय पर होने वाले मीटिंग के दौरान हुए अधिकांश ट्रस्टियों की मीटिंग में अनुपस्थिति को लेकर भी सवाल खड़ा किया। जनता द्वारा किए गए उक्त सवालों के जवाब में महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ने उनके द्वारा किये गए सवालों के जवाब में सुझाव पर अमल करने की बात कही तथा उन्होंने कहा कि वंशवाद और परिवारवाद पर जो ट्रस्टी नियुक्त किया जाता है, इस बात पर पुराने ट्रस्टीयों को नीव का पत्थर करार देते हुए कहा कि यदि मृतक ट्रस्टी के परिवार से कोई सदस्य ट्रस्टी बनना चाहता है,तो कमिटमेंट के अनुसार उसे नियुक्त कर दिया जाता है और अंत में प्रत्येक मीटिंग में सभी सदस्यों की उपस्थिति पर उनके व्यक्तिगत कार्यों का हवाला देते हुए प्रत्येक ट्रस्टी को मीटिंग में उपस्थित होना संभव नहीं होने की बात कही गई। इस प्रकार जनता की अन्य सुझाव को भी उन्होंने नोट किया और शीघ्र ही समाधान करने का आश्वासन दिया गया ।