(भूपेंद्र सिंह राठौर) : जंगलों की आग को फायर लाइन कटिंग बचाएगी। इसके लिए वन विभाग ने अभियान शुरू कर दिया है। जंगलों को अलग-अलग ब्लॉकों में बांटा गया है। अब तक बेलतरा वन क्षेत्र में 80 फीसदी जंगल की फायर लाइन कटिंग कर चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रक्रिया से गर्मी के सीजन में वानग्नि की घटनाओं को रोका जा सकेगा।
हर साल जंगलों में गर्मियों के सीजन में आग लग जाती हैं। इससे न केवल वन संपदा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि बड़ी संख्या में वन्य जीव जान गंवा देते हैं। ऐसे में जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग पूर्व में तैयारी करता है। जंगलों में आग फैलने से रोकने के लिए हर साल वन विभाग फायर लाइन काटता है।
यह फायर लाइन सीजन शुरू होने से पहले काटी जाती है।फायर सीजन शुरू होने से पहले ही हर रेंज में फायर लाइन खींची जाती है।
ताकि आग लगने पर वह कम से कम फैले।वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अग्नि सीजन 15 फरवरी से शुरू हो गया है और 15 जून 2024 तक वनों को अग्नि से बचाना विभाग की प्राथमिकता में रहेगा . आग से जहां एक ओर प्राकृतिक पुनरूत्पादन के पौधे नष्ट हो जाते हैं.
वहीं दूसरी ओर वृक्षों की काष्ठ की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है. इसलिए वनों को आग से बचाना बहुत ज्यादा जरुरी है. आग से सुरक्षा के लिए सभी वनमंडलों में अग्नि रेखाओं की कटाई, सफाई, कुढ़ा जला जलाया जाता है.वन क्षेत्रों में अग्नि से सुरक्षा के लिए सभी बीट में एक-एक अग्नि रक्षक की नियुक्ति की गई है. वनों में लगने वाली आग को बुझाने के लिए कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण फायर ब्लोअर उपलब्ध कराया गया है।
वही बिलासपुर वन मंडल के डीएफओ ने समस्त अधिकारियों को अग्नि सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्देश दिए है.उन्होंने कहा है कि अधिकारी, कर्मचारी और वन सुरक्षा समितियां, वन सुरक्षा श्रमिक, लगाये गये अग्नि प्रहरी वनों की आग से सुरक्षा के लिए सतत् रूप से निरंतर सक्रिय रहेंगे. सुरक्षा में लगे अग्नि प्रहरियों और सुरक्षा श्रमिको को वनक्षेत्रों में जहां कहीं भी आग या धुंआ दिखायी दे वहाँ तत्काल पहुँच कर आग को बुझाया जाए. वन प्रबंधन समितियों को वनों की अग्नि सुरक्षा में सक्रिय जवाबदारी दी जाये।