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रामपुर में, नवाब खानदान पर फिर दांव लगाएगी कांग्रेस

(शशि कोन्हेर) : नवाब खानदान इस बार फिर लोकसभा उपचुनाव लड़ने की तैयारी में है। कांग्रेस पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां पर दांव लगा रही है। उन्होंने नामांकन पत्र भी ले लिया है। बुधवार को उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की। वह 2014 में भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे।

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रामपुर लोकसभा सीट पर 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में मौलाना अबुल कलाम आजाद कांग्रेस प्रत्याशी थे। वह रामपुर के पहले सांसद बनने के साथ ही देश के पहले शिक्षा मंत्री बने। इसके बाद से कांग्रेस के टिकट पर नवाब खानदान से जुड़े लोग ही चुनाव लड़ते रहे। रामपुर के नवाब खानदान के रिश्तेदार राजा सैयद अहमद मेंहदी दो बार सांसद चुने गए।

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इनके बाद नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां पांच बार सांसद बने। उनकी मृत्यु के बाद इनकी पत्नी बेगम नूरबानो 1996 में पहली बार चुनाव लड़ीं और जीत गईं। लेकिन, 1998 में भाजपा के मुख्तार अब्बास नकवी ने उन्हें हरा दिया। तब नकवी केंद्र सरकार में मंत्री बने। अब भी वह केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

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साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बेगम नूरबानो फिर सांसद बन गईं। वह 2004, 2009 में भी चुनाव लड़ीं, लेकिन जीत नहीं सकीं। साल 2014 में उनके बेटे नवेद मियां चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन हार गए। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने रामपुर में पहली बार हिंदू प्रत्याशी बनाया।

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अपने राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वह जीत नहीं सके। अब फिर लोकसभा उप चुनाव में कांग्रेस की ओर से नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना है। नवेद मियां कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग भी कर रहे हैं।

तैयारी पूरी, घोषणा बाकी: नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि उपचुनाव में नवेद मियां चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। बुधवार को उन्होंने लखनऊ में प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की है। हमारी तैयारी पूरी है। हमने नवेद मियां के नाम से मांकन पत्र भी खरीद लिया है। पार्टी से घोषणा होना बाकी है।

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