सदस्यों ने दिया सुझाव, पूरा शहर स्मार्ट बनाया जाए, तीन साल बाद हुई कमेटी की पहली बैठक…..
(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट एडवाजरी कमेटी की पहली ही बैठक में प्रोजेक्ट के विस्तार का अहम फैसला लिया गया। बैठक में अब तक के कामकाज की औपचारिक समीक्षा करते हुए सदस्यों ने इस पर अपनी असहमति जताई। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कमेटी के सदस्य धरम लाल कौशिक ने कहा खर्च की गई राशि के मुकाबले काम नही हुआ है। ये सिर्फ कागजों में स्मार्ट है। लोगों को सुविधा युक्त शहर चाहिए। एडवाइजरी कमेटी में नेता प्रतिपक्ष के अलावा सांसद अरुण साव, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, विधायक डॉ कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश सिंह, शहर के प्रबुद्ध नागरिक, जानकर और समाजसेवियों को सदस्य बनाया गया है। बैठक में कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर, एसपी दीपक कुमार झा, नगर निगम आयुक्त अजय त्रिपाठी वे परियोजना के एमडी बनाये गए हैं। निगम के इंजीनियर शामिल रहे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की निगम आयुक्त ने सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी। ज्यादातर सदस्य इस बात को लेकर नाखुश थे कि शहर को सुंदर बनाने का काम तीन साल से चल रहा है, जिसकी जानकारी उन्हें नही दी गई। काम के गुणवत्ता का मामला मस्तूरी विधायक डॉ बांधी ने उठाया और कहा इसके लिए एजेंसी तय किया जाना चाहिए।अटल श्रीवास्तव ने कहा सीमित एरिया के बजाए पूरा शहर स्मार्ट बनाने सुझाव दिया गया है।
एडवाइजरी कमेटी के सदस्यों ने बडे लागत वाले भविष्य के कार्यों के बजाय मूलभूत सुविधाये देने और समस्या का निराकरण करने का सुझाव दिया। पहली बैठक में प्रोजेक्ट का विस्तार पूरे निगम सीमा में करने का लिया फैसला अहम रहा।