बिलासपुर

विष्णु नगर उप चुनाव के बाद कांग्रेस में ऐसा सन्नाटा क्यों है भाई..?

Advertisement

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। शहर के विष्णु नगर कुदुदंड में हुए पार्षद पद के उपचुनाव में परिणामों की घोषणा के बाद से कांग्रेस में एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है। इस चुनाव पर मतगणना परिणामों के बाद जहां भाजपा जरूरत से ज्यादा उत्साह में दिखाई दे रही है, वही इस चुनाव को लेकर कांग्रेसजन और नेता मौनी बाबा से बन गए हैं।

Advertisement
Advertisement

कोई कांग्रेस नेता इस पर की जीत हार पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करना तो दूर फॉर्मेलिटी के रूप में भी, ना तो भाजपा प्रत्याशी को जीत की बधाई देता नजर आ रहा है और न ही इस चुनाव में दिन-रात एक करने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जमकर शाबाशी देता ही नजर आ रहा है..! चुनाव परिणामों को लेकर इतनी कंजूसी समझ से परे है। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में हुई अपनी जीत को जरूरत से ज्यादा अहम मान लिया है। वही कांग्रेस ने चुनावी पराजय को जरूरत से अधिक निराशाजनक मान लिया है। जबकि इतना मातम मनाने जैसी कोई बात नहीं है। इस उपचुनाव के पूर्व बिलासपुर नगर निगम के साथ हुए विष्णु नगर कुदुदंड के पार्षद चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रही थी । जबकि इस चुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी अनीता कश्यप, एक पायदान ऊपर चढ़कर दूसरे स्थान पर आकर मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में उभरी है।

Advertisement

गत पार्षद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी स्वर्गीय निधी जैन 654 वोटों से जीती थी। जबकि इस बार उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रद्धा जैन 233 वोटों से विजयी हुई है। हालांकि इस चुनाव में वोट कम पड़े हैं। इसके बावजूद गत चुनाव की तुलना में कांग्रेस का तीसरे स्थान से दूसरे स्थान पर आना और भाजपा के कुल विजयी मतों की संख्या का कम होना,दोनों को ही, उल्लेखनीय माना जाना चाहिए। कुदुदंड उपचुनाव के बाद भाजपा के लोग जहां नाच कूद रहे हैं। और पूर्व मंत्री इसे प्रदेश और शहर से कांग्रेस की विदाई के रूप में देख रहे हैं। वही कांग्रेस खेमें में बेमतलब का सन्नाटा पसरा हुआ है। यह ठीक है कि जैसे जीत तो, जीत ही होती है भले ही 1 वोट से क्यों न हो… वैसे ही हार भी, हार ही होती है…भले ही 1 वोट से ही क्यों ना हो..? इसलिए जीत का जश्न और हार का गम दोनों का प्रदर्शन जरूरी है। लेकिन फिर भी इस चुनाव के बाद कांग्रेस में छाया सन्नाटा, इस जोशो खरोश वाली पार्टी के स्वभाव के विपरीत है। अरे भाई लोगों..! कम से कम इस वार्ड पार्षद उपचुनाव में मिली हार का ठीकरा किसी पर भी फोड़कर गुटबाजी का शोर ही मचा दो.. जिससे चुनावी हार के बाद से पार्टी में छाया सन्नाटा तो टूटे..!

Advertisement
Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button