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हम आ रहे हैं,कनाडा में बैठे खालिस्तानियों की PM मोदी और शाह को धमकी……

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(शशि कोन्हेर) : पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-20 समिट में शामिल होने आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से खालिस्तान का मसला उठाया था। इस पर ट्रूडो ने भी भरोसा दिया था कि वह अपने देश में अलगाववादी तत्वों पर लगाम कसेंगे। हालांकि कनाडा में ऐक्टिव खालिस्तानियों की हरकतें अब भी कम नहीं हुई हैं।

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10 सितंबर को ही खालिस्तान के वैंकुवर के सरे स्थित एक गुरुद्वारे में भारत के खिलाफ जनमत संग्रह हुआ था। इसके बाद अब खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें उसने भारत को कनाडा में अपना दूतावास बंद करने की धमकी दी है।

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इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को जान से मारने तक की धमकी दे डाली है। खालिस्तानी का यह दुस्साहस दिखाता है कि उन पर भारत की कनाडा के साथ सख्ती का भी कोई असर नहीं है।

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पन्नू को एक वीडियो में कहते सुना जा रहा है, ‘यह मेसेज उन लोगों के लिए हैं, जिन्होंने हरदीप सिंह निज्जर को मरवा डाला। मोदी, जयशंकर, डोभाल और शाह, हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं।’हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तानी उग्रवादी थी, जो इसी साल जून में कनाडा के सरे में ही शूटिंग के दौरान मारा गया था।

उसकी मौत को लेकर खालिस्तानी आरोप लगाते रहे हैं कि यह भारत सरकार के इशारे पर हुआ था। कनाडा के गुरुद्वारे में जनमत संग्रह के नाम पर हुए आयोजन में 5 से 7 हजार लोग मौजूद थे। गौरतलब है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से प्रधानमंत्री मोदी ने सख्त लहजे में खालिस्तानी तत्वों को लेकर आपत्ति जताई थी।

उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सहज और बेहतर रिश्तों के लिए यह जरूरी है कि इन लोगों पर लगाम कसी जाए। विदेश मंत्रालय ने बातचीत को लेकर बताया था, ‘पीएम मोदी ने कनाडा में भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियों पर ऐतराज जताया। वे भारतीय राजनयिकों को धमकी देते हैं और भारत विरोधी हरकतें करते हैं। इसके अलावा वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों को भी अकसर धमकी दते हैं। इस पर पीएम मोदी ने ऐक्शन लेने को कहा है।’

पीएम मोदी के ऐतराज पर ट्रूडो का क्या रहा जवाब

सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उनका देश हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलन के हक को बनाए रखेगा। लेकिन इसके साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि इसके बहाने न नफरत न फैलाई जाए। गौरतलब है कि पहले भी कनाडा और भारत के बीच खालिस्तानी तत्वों के चलते रिश्ते खराब होने की नौबत आई है।

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