देश

उद्धव ठाकरे बोले… कोई नहीं छीन सकता.. शिवसेना से धनुष-बाण..

(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र के पूर्व सीएम व शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि कोई भी उनकी पार्टी का ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न नहीं छीन सकता है। उपनगरीय बांद्रा में अपने आवास ‘मातोश्री’ में उन्होंने पार्टी के बागियों और भाजपा को महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव का सामना करने की चुनौती देते हुए कहा कि लोगों को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को गिराने पर एक स्टैंड लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर लोग चुनाव में उनकी पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं, तो वह इसे स्वीकार करेंगे। ठाकरे ने कहा कि 16 बागी विधायकों की अयोग्यता याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 11 जुलाई को आएगा, जो न केवल शिवसेना का, बल्कि भारतीय लोकतंत्र का भी भविष्य तय करेगा।

इसलिए गिरी एमवीए सरकार

गौरतलब है कि शिवसेना के एकनाथ शिंदे जो अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं ने पिछले महीने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद किया था। इसके बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की एमवीए सरकार गिर गई।

29 जून को ठाकरे के राज्य के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद शिंदे ने भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी के रूप में शपथ लेने के साथ शीर्ष पद की शपथ ली। शिंदे को शिवसेना के 40 बागी विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

विद्रोहियों के खिलाफ उद्धव ठाकरे का सख्त रुख

विद्रोहियों के खिलाफ अपना रुख सख्त करते हुए उद्धव ठाकरे ने पूछा कि वे ‘मातोश्री’ और ठाकरे से प्यार करने का दावा कैसे कर सकते हैं। यदि असंतुष्ट उन लोगों के साथ गठबंधन करते हैं, जिन्होंने उनकी और उनके परिवार की आलोचना की है। उनके बेटों के जीवन को नष्ट करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक कोई भी शिवसेना से धनुष-बाण का चिह्न नहीं छीन सकता।

मैं यह संवैधानिक विशेषज्ञों से बात करने के बाद कह रहा हूं। शिवसेना के बागी विधायक गुलाबराव पाटिल ने बुधवार को कहा था कि शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा पार्टी के ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न का असली दावेदार है। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की चिंताओं को दूर करने की कोशिश करते हुए ठाकरे ने कहा कि लोग वोट देते समय न केवल पार्टी के चुनाव चिह्न को देखते हैं, बल्कि वे उस व्यक्ति को भी देखते हैं और यह भी देखते हैं कि उम्मीदवार शिवसेना का है या नहीं। एक राजनीतिक दल और विधायक दल के रूप में शिवसेना दो अलग-अलग पहचान हैं।

मध्यावधि चुनाव की मांग

उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ एक, 50 या यहां तक कि 100 विधायक पार्टी छोड़ देते हैं, तो इसका अस्तित्व समाप्त नहीं होता है। ठाकरे ने कहा कि भ्रम पैदा किया जा रहा है। विधायक दल और पंजीकृत दल दो अलग-अलग पहचान हैं। कोई भी पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने साथ नहीं ले जा सकता।

उन्होंने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की भी मांग करते हुए कहा कि लोगों को उनके नेतृत्व वाली एमवीए सरकार को गिराने पर स्टैंड लेने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यावधि चुनाव होने चाहिए। अगर हमने कोई गलती की है, तो लोग हमारा पक्ष नहीं लेंगे और यह हमें स्वीकार्य होगा। इस सप्ताह की शुरुआत में शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया था कि यदि राज्य में मध्यावधि चुनाव होते हैं तो उनकी पार्टी 100 से अधिक सीटें जीतेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button