विदेश

पाकिस्तानी सेना के भी गले नहीं उतर रही..इमरान खान की, विदेशी साजिश वाली कहानी

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अपनी सरकार गिराने के पीछे विदेशी साजिश का इमरान खान का दावा किसी के गले से नीचे नहीं उतर रहा है। इमरान खान ने विपक्षी दलों पर यह तोहमत लगाई थी कि उनके द्वारा प्रस्तुत इमरान सरकार के खिलाफ प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी(खासकर अमेरिकी) साजिश मौजूद है। देश में शायद ही ऐसा कोई शख्स मौजूद होगा जो इमरान खान के इस दावे पर विश्वास कर रहा हो। पाकिस्तान की सेना भी इमरान के इस दावे से काफी आश्चर्यचकित है। इमरान के दावे के विपरीत पाकिस्तान की सेना के सुप्रीमो जनरल बाजवा ने ऐसी किसी साजिश को लेकर कोई बात नहीं कही है। अगर ऐसी कोई बात होती तो पाकिस्तानी सेना और आई एस आई अब तक उसे काफी गंभीरता से ले चुके होते और साजिश के खिलाफ कोई कदम भी उठा लिया होता लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।। जनरल बाजवा ने कभी भी इस तरह की अमेरिकी साजिश की बात नहीं की। उल्टे उन्होंने यूक्रेन पर रूस के हमलों को गलत बताकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से एक अलग ही लाइन अपना रखी है। इमरान खान विदेशी साजिश को लेकर जो पत्र हवा में लहरा रहे हैं वह पत्र मार्च की शुरूवात का है। आश्चर्य की बात यह है कि मार्च के पहले हफ्ते में मिले इस पत्र पर इमरान खान तकरीबन 2 हफ्तों तक कुंडली मारकर बैठे हुए थे। लेकिन जैसे ही सदन में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश हुआ और बहुमत उनके हाथ से निकलता दिखा। उसके बाद से ही इमरान खान ने विदेशी साजिश का राग अलापना शुरू कर दिया। उनके इस दावे की आड़ में ही पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। और अविश्वास प्रस्ताव खाली होते ही इमरान खान ने राष्ट्रपति को पाकिस्तानी नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश कर दी। जिसे अमल में लाते हुए राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली भंग कर दी। यहां सवाल यह उठता है कि संविधान में यह स्पष्ट उल्लिखित है कि प्रधानमंत्री नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश उसी स्थिति में कर सकता है जब उसके खिलाफ नेशनल असेंबली में कोई अविश्वास प्रस्ताव ना हो। लेकिन संविधान के इस प्रबंध को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान नेशनल असेंबली के डिप्टी प्रेसिडेंट कासिम खान सूरी और राष्ट्रपति ने जिस तरह षडयंत्र पूर्वक अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर नेशनल असेंबली भंग की है उसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। बाहर हाल आज सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर अपनी राय अथवा कोई न कोई आदेश जारी कर सकता है। देखना यह होगा कि वह विदेशी साजिश की आड़ में प्रधानमंत्री इमरान खान और डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी द्वारा की गई कार्रवाई के प्रति अपना क्या रूख प्रदर्शित करता है।

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