छत्तीसगढ़

कई बैंकों से तीस करोड़ का फर्जीवाड़ा करने वाला रायपुर का आरोपी दिल्ली में धरा गया…..

(शशि कोन्हेर) : रायपुर – रायपुर के एक कारोबारी को ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने दिल्ली में छापा मारकर पकड़ा है, जिस पर भी कई बैंकों से 30 करोड़ से अधिक का लोन लेकर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। छत्तीसगढ़ प्रदेश की पुलिस के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इस कारोबारी के खिलाफ जांच CBI और ED कर रही है।

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शराब और होटल के व्यवसाय से जुड़े सुभाष शर्मा के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक इसने दिसंबर 2009 से लेकर दिसंबर 2014 के बीच अपने नियंत्रण वाली कंपनियों के द्वारा बैंक से लोन लिया। इस लोन की राशि को शेल कंपनियों में निवेश किया, इन कंपनियों के नाम पर अचल संपत्तियां खरीदीं। सुभाष शर्मा की अधिकांश कंपनियों में कोई व्यापारिक गतिविधियां चल ही नहीं रही थी। यह कंपनियां सिर्फ बैंक से लोन हासिल करने के लिए बनाई गई थी। इस फर्जीवाड़े के जरिए सुभाष शर्मा ने 54 करोड रुपए हासिल कर लिए।

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बीते 2 साल पहले मामले का खुलासा होने के बाद लगातार जांच जारी है। पिछले साल ईडी ने सुभाष शर्मा की 39.68 करोड रुपए की चल अचल संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया था। सुभाष शर्मा फरार चल रहा था, जिसे अब पकड़ लिया गया है। अफसरों के मुताबिक ईडी के रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय को सुभाष शर्मा की 10 दिनों की हिरासत मिली है और इस दौरान सुभाष शर्मा से इस पूरे फर्जीवाड़े को लेकर पूछताछ की जाएगी।

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जानकारी के मुताबिक सुभाष शर्मा के खिलाफ रायपुर के गोल बाजार और सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज थे।
2015 में विक्रम राणा नाम के व्यक्ति ने गोल बाजार थाने में शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी।
मिली जानकारी के मुताबिक मुताबिक सुभाष शर्मा ने राणा की जमीन बंधक रखकर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 16.50 करोड़ का कर्ज लिया था। किस्तें अदा नहीं होने पर बैंक ने राणा को नोटिस भेजा। उसके बाद इस फ्रॉड की जानकारी हुई।

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इस मामले में गोल बाजार पुलिस ने अप्रैल 2018 में उसे गिरफ्तार किया, हालांकि बाद में सुभाष जमानत पर छूटा और शहर छोड़ दिया। अधिकारियों ने बताया, सुभाष शर्मा ने होटल सफायर इन, गुडलक पेट्रोलियम कंपनी और मेसर्स विदित ट्रेडिंग कंपनी के लिए 38.50 करोड़ का कर्ज लिया था। यह रकम एक्सिस बैंक और पंजाब नेशनल बैंक रायपुर से ली गई थी, इनकी किस्तें अदा नहीं हुई।

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