छत्तीसगढ़

अब फैैक्ट्रियों के लिए विद्युत वार्षिक विवरण देना हुआ आसान, कैबिनेट ने प्रारूप ‘एच‘ और ‘जे‘ की बाध्यता को समाप्त करने का लिया निर्णय….

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(शशि कोन्हेर) : रायपुरराज्य सरकार द्वारा व्यापार तथा नागरिकों के हित में छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क नियम 1949 के नियम के तहत प्रत्येक फैक्ट्री द्वारा प्रारूप ‘एच‘ एवं प्रारूप ‘जे‘ के वार्षिक विवरण प्रस्तुत करने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है। यह निर्णय आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित केबिनेट की बैठक में लिया गया। उक्त दोनों प्रारूप को समाप्त करने तथा विद्युत वार्षिक विवरण संबंधी प्रारूप नियमों के सरलीकरण से विद्युत शुल्क की वसूली में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। केबिनेट के इस निर्णय से फैक्ट्रियों के लिए वार्षिक विद्युत विवरण जमा करने की प्रक्रिया सहज हो जाएगी। जिसके चलते अनुपालन भार में कमी आएगी और विद्युत संबंधी जानकारी एवं वसूली भी प्रभावित नहीं होगी।

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गौरतलब है कि प्रपत्र ’एच‘ के तहत कारखानों के परिसरों के भीतर प्रदाय की गई या बेची गई विद्युत शक्ति का वार्षिक विवरण सम्मिलित की जाती है। उक्त प्रपत्र में कारखानांे के समस्त विभागों में प्रकाश की व्यवस्था करने के लिए तथा कारखाने में आद्रीकरण हेतु उपयोग में लाये गये पंखों के लिए उपयोग की गई विद्युत शक्ति के मापन के संधारण हेतु प्रपत्र एच का उपयोग किया जाता है। चूंकि कारखाने द्वारा उपयोग में लाई गई बिजली राज्य के विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रदाय की जाती है जिसका मीटरिंग कर वितरण कंपनी द्वारा जारी विद्युत देयक के माध्यम से विद्युत शुल्क की वसूली कर ली जाती है एवं वर्तमान प्रचलित व्यवस्था अनुसार उपभोक्ताओं द्वारा पृथक से प्रपत्र ’एच’ में विवरणी मुख्य विद्युत निरीक्षकालय को उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। उत्पादकांे द्वारा विद्युत के उत्पादन एवं खपत की जानकारी छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क नियम 1949 के अन्य प्रपत्र ’जी‘ में प्रविष्टि कर मुख्य विद्युत निरीक्षकालय को प्रस्तुत करने की व्यवस्था प्रचलन में है। जिसके माध्यम से विद्युत शुल्क की वसूली की जाती है। उपरोक्त परिस्थिति में प्रपत्र एच के उपयोगिता नहीं रह जाती है। अतएव नागरिकों एवं व्यापार में विभिन्न अनुपालन भार को कम करने हेतु प्रपत्र एच को विलोपित करने का निर्णय लिया गया।

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इसी तरह प्रपत्र ‘जे‘ में विद्युत शक्ति जिस पर विद्युत शुल्क देय नही के संबंध में वार्षिक विवरण संधारित किया जाना है। उक्त प्रपत्र में उपभोक्ता का नाम, पता, छूट का वर्ग, प्रपत्र बी, सी, डी, ई, एफ जिसमें मासिक लेखा रखा गया है, मापन पद्धति का विवरण, भार जिसे छूट वाले संयोजक से संयोजित किया गया है जिस पर शुल्क देय है आदि का विवरण सम्मिलित है। वर्तमान में उपभोक्ताओं द्वारा प्रपत्र ‘जी‘ के माध्यम से वितरक या उत्पादक द्वारा उपभोक्ता को बेची गई या प्रदाय की गई अथवा स्वयं के द्वारा या उसके कर्मचारियों द्वारा उपभोग की गई विद्युत शुल्क की इकाईयों की कुल संख्या को दर्शाने वाला मासिक विवरण प्रपत्र जी में प्रपत्र ‘जे‘ की जानकारी सम्मिलित रहती है एवं मुख्य विद्युत निरीक्षकालय द्वारा प्रपत्र जी में प्रतिमाह जानकारी प्राप्त कर विद्युत शुल्क की वसूली की जाती है। प्रपत्र ‘जी‘ के भाग-दो में ऐसे इकाईयां जिन पर विद्युत शुल्क देय नही है, की जानकारी भी सम्मिलित की जाती है। अतएव प्रपत्र ‘जे‘ को विलोपित करने पर विद्युत शुल्क संबंधित जानकारी एवं वसूली प्रभावित नही होगी। अतः विलोपन करने का निर्णय लिया गया है।

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