खालिस्तानियों के खिलाफ NIA की बड़ी कार्रवाई, 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी
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(शशि कोन्हेर) : खालिस्तानी आतंकवादी और गैंगस्टर के गठजोड़ के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को सुबह-सुबह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर छापेमारी की है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, 50 से अधिक स्थानों पर जांच एजेंसी की छापेमारी चल रही है।
आपको बता दें कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो चुके हैं। इस बीच एनआईए ने यह कार्रवाई की है।
सबसे ज्यादा पंजाब में 30 जगहों पर छापेमारी चल रही है। इसके अलावा, राजस्थान में 13, हरियाणा में 4, उत्तराखंड में 2, दिल्ली-NCR और यूपी में 1-1 जगह छापेमारी चल रही है।
कनाडा में तेजी से बढ़ रहे खालिस्तान समर्थन को बढ़ावा देने में सरकार का हाथ है। सूत्रों की मानें तो कनाडा चरमपंथियों को पीछे से बढ़ावा दे रहा है। चरमपंथी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक समर्थन जैसी धारणाओं की आड़ में करीब 50 साल से कनाडा की जमीन से स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं।
कनाडा इन चरमपंथियों द्वारा डराने धमकाने, हिंसा किए जाने और नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त रहने पर पूरी तरह चुप्पी साध लेता है। सूत्रों की मानें तो एयर इंडिया के विमान कनिष्क में 1985 में खालिस्तानी चरमपंथियों ने बम विस्फोट किया था और यह अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमले से भी पहले हुआ दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक हमला था। कनाडाई एजेंसियों की बेरुखी के कारण इस हमले का मुख्य आरोपी तलविंदर सिंह परमार और उसके खालिस्तानी चरमपंथियों का समूह बचकर निकल गए।
खालिस्तान समर्थकों का नायक परमार
सूत्रों का कहना है कि विमान में बम विस्फोट करने का मुख्य आरोपी परमार आज कनाडा में खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों का नायक है और प्रतिबंधित समूह सिख फॉर जस्टिस ने अपने अभियान केंद्र का नाम भी परमार के नाम पर रखा है।
सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में खालिस्तानी चरमपंथियों के हौंसले और बुलंद हो गए तथा उन्होंने बिना किसी खौफ के कनाडा से काम करना शुरू कर दिया। पिछले एक दशक में पंजाब में सामने आए आतंकवाद के आधे से ज्यादा मामलों के तार कनाडा स्थित खालिस्तानी चरमपंथियों से जुड़े होने का पता चला है।