छत्तीसगढ़

जानिए…क्यों भड़के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और सदन में किन्होंने पढी, हनुमान चालीसा

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(शशि कोनहेर) : छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होने को लेकर वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में नक्सल घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। पुलिस के जवान शहीद हो रहे हैं। हमारे चार भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई है। नक्सली खून पर खून बहा रहे हैं और प्रदेश की कांग्रेस सरकार तमाशा बीन बनी हुई है।

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बृजमोहन ने कहा कि कांग्रेस की सरकार निर्मम, संवेदनहीन सरकार है। लोकतंत्र की हत्यारी सरकार है। इनके 18 नेताओं को पहले नक्सलियों ने मारा बावजूद नक्सलवाद को लेकर ये गंभीर नहीं है।

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उन्होंने कहा कि पिछले 33 सालों से मैं विधायक हूं एक व्यक्ति की भी हत्या महत्वपूर्ण होती है अगर सदन में उस पर चर्चा की बात हो तो सरकार को आगे आकर स्वीकार करना चाहिए। परंतु यहां ऐसा नहीं है। प्रेम प्रकाश पांडे जब विधानसभा अध्यक्ष थे नक्सली घटना पर विधानसभा की गुप्त बैठकें होती थी।

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अहंकार में डूबी सरकार सोचती है कि हम 14 भाजपा विधायकों को दबा देंगे तो यह उनकी गलतफहमी है। जनता की आवाज बनकर भाजपा के 14 विधायक सरकार की ईट से ईट बजा देंगे। सरकार ने कसम खाई है गोली चलाने की तो हमने भी कसम खाई है सीना ताने रखने की।

*सदन के भीतर  भाजपा विधायकों ने पढ़ी हनुमान चालीसा*

निलंबन पश्चात नाराज बृजमोहन अग्रवाल सहित भाजपा विधायकों ने सदन के भीतर हनुमान चालीसा का पाठ किया, धर्म की जय, जय श्रीराम के नारे लगाए और ओंकार का उद्घोष किया। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार जनहित के मुद्दों को दरकिनार करती है इस कारण से हमने सरकार को सद्बुद्धि मिले और अपनी जिम्मेदारी समझे इस हेतु हनुमान चालीसा का पाठ किया।


बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष के संरक्षक होते हैं हम उनसे आग्रह करेंगे कि ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर ग्राहता पर चर्चा नहीं होगी तो प्रदेश के सबसे बड़े पंचायत की भूमिका पर सवाल खड़े होंगे।

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