छत्तीसगढ़

सिर्फ बोलकर छोड़ देना है… मराठा आरक्षण पर PC से पहले CM-डिप्टी सीएम की गुफ्तगू कैमरे में कैद……

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(शशि कोन्हेर) : मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जारांगे पाटिल का अनशन खत्म कराने खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के जालना जिले के अंतरवाली गांव स्थित धरनास्थल पर जाने की खबर है। इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी सरकार की किरकिरी हो रही है।

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दरअसल, मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को सर्वदलीय बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स बुलाया था।

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जिसमें मराठा आरक्षण पर सरकार अपनी बात रखने वाली थी लेकिन पीसी शुरू होने से पहले ही मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री आपस में कुछ ऐसी बातें कर रहे थे जो वहां रखे मीडिया के कैमरे में कैद हो गई। उनकी इस बात का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग शिंदे सरकार को ट्रोल कर रहे हैं।

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शिवसेना सांसद ओमप्रकाश राजेनिम्बलकर ने उस वीडियो को अपने एक्स अकाउंट से शेयर किया है। वीडियो में मुख्यमंत्री शिंदे यह कहते हुए देखे जा सकते हैं, “हमें सिर्फ बोलकर छोड़ देना है।” इसके बाद उप मुख्यमंत्री अजित पवार ‘हां’ कहते हैं। तभी देवेंद्र फडणवीस दोनों को चुप कराते हुए कहते हैं, “माइक ऑन है।” माइक ऑन की बात सुनकर सभी नेता फिर हंसने लगते हैं।

सरकार में बैठे टॉप लोगों के मुंह से इस तरह की बात सुनकर लोगों में गुस्सा है। वे सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार मराठा आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है और किसी भी तरह मामले को टालना चाहती है।

वीडियो ट्वीट करने वाले शिव सेना सांसद ओमप्रकाश राजेनिम्बलकर ने लिखा, “मराठा आरक्षण को लेकर समाज के सभी लोग पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई लोगों ने खाना छोड़ दिया है। ऐसा देखा जा रहा है कि हमारा मराठा युवा विभिन्न माध्यमों से राज्य सरकार को जगाने का प्रयास कर रहा है।

हालाँकि, यह सरकार केवल समय बर्बाद कर रही है। एक तरफ आंदोलनकारी अनशन कर शांति से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है, दूसरी तरफ देखिए सरकार का ये ट्रिपल इंजन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रहा है। समाज अब आपकी ओर देख रहा है…”

बता दें कि मराठा आरक्षण की मांग पर अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल समाप्त करने से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने की मांग की है। जरांगे ने मंगलवार देर रात शिंदे से फोन पर हुई बातचीत के बाद यह मांग रखी।

राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने देर रात धरना स्थल पर पहुंचकर जरांगे से मुलाकात की थी। जरांगे ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार को एक महीने का समय दे रहे हैं, ताकि उसके द्वारा नियुक्त जस्टिस शिंदे समिति मराठा आरक्षण पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सके।

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