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अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय? पीएम मोदी को भेजा जा रहा पत्र

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(शशि कोन्हेर) : अयोध्या में राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभी कोई तारीख तो तय नहीं है लेकिन पीएम मोदी से 26 जनवरी से पहले का समय मांगने के लिए पत्र भेजा जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि 13 से 26 जनवरी के बीच शुभारंभ हो सकता है। 13 जनवरी को खरमास खत्म हो रहा है।

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सात दिवसीय समारोह का आयोजन किया जाएगा। राम मंदिर की शुरुआत के अवसर पर देश भर से श्रद्धालुओं का आगमन तय है। बोर्ड आफ ट्रस्टीज ने इसके लिए अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

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प्राण प्रतिष्ठा के दिन श्रद्धालु कम से कम आएं इसके लिए देश भर में उत्सव आयोजित कर अपील की जाएगी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टियों का मानना है कि अयोध्या में अभी बुनियादी ढांचे के साथ सुविधाओं का भी अभाव है। इसके अलावा सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा व्यवस्था की है। इन स्थितियों में श्रद्धालुओं के एक निश्चित तिथि पर इकट्ठा आ जाने से अव्यवस्था फैल सकती है।

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तीर्थ क्षेत्र ने इसी के चलते देश में विभिन्न स्थानों पर सांगठनिक माध्यम से महोत्सव का आयोजन कर उन्हें उनके ही क्षेत्र में रुकने का आग्रह करने की योजना बनाने का निश्चय किया है। यह निर्णय श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की एक दिवसीय बैठक में बुधवार को लिया गया।

सात दिनों का होगा आयोजन:

मणिराम छावनी में तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के बाद कार्यवाही की जानकारी देते हुए तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तिथि नहीं निर्धारित की गई है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर उनसे 26 जनवरी 2024 के पहले का समय मांगा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर 11 अथवा सप्त दिवसीय आयोजन पर विचार हुआ और तय किया गया कि सप्त दिवसीय आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा मुहूर्त के लिए कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि ने देश के साथ ज्योतिषाचार्यो से वार्तालाप किया है। इसके पहले श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की एक दिवसीय बैठक बुधवार को सुखद वातावरण में हुई। बोर्ड में शामिल सभी वयोवृद्ध संतों ने अपने जीवनकाल में राम मंदिर निर्माण की संकल्पना को पूरा होते हुए देखने पर विशेष आनंद की अनुभूति का अहसास कराया।

इसके साथ तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय एवं भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र सहित सभी को समयबद्ध निर्माण पूरा कराने के लिए साधुवाद भी दिया। इसके साथ शीघ्रातिशीघ्र प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के जरिए रामलला को यथास्थान विराजमान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजकर समय लेने का प्रस्ताव किया।

रिलीजियस कमेटी दिलाएगी पुजारियों को परम्परागत पूजा-अर्चना का प्रशिक्षण:

बोर्ड आफ ट्रस्टीज के निर्णय पर श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की बनाई गयी नियमावली के अन्तर्गत रिलीजियस कमेटी का गठन किया जा चुका है। यह उप समिति राम मंदिर के उत्सवों का वार्षिक कैलेंडर बनाएगी। इसके पुजारियों को परम्परागत पूजा-अर्चना का प्रशिक्षण भी दिलाएगी। उधर बोर्ड की त्रैमासिक बैठक का आयोजन इस बार पांच माह बाद होगा।

तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने बताया कि निर्णय लिया गया है कि अगली बैठक चातुर्मास के बाद तय हो। उन्होंने बताया कि सावन में अधिक के कारण अतिरिक्त एक माह का समय बढ़ जा रहा है। चातुर्मास का आरंभ देवशयनी एकादशी से शुरू होकर देवोत्थानी एकादशी तक चलेगा।

बताया गया कि बैठक में तीन पदेन सदस्यों भारत सरकार के सचिव ज्ञानेश कुमार, प्रदेश के गृह सचिव संजय प्रसाद शासकीय कार्यों से अनुपस्थित रहे। वहीं जिलाधिकारी नीतीश कुमार अवकाश पर होने के कारण नहीं शामिल हुए। वहीं संस्थापक सदस्य केशव पारासरन वर्चुअल रीति से बैठक में उपस्थित थे। बैठक में 15 सदस्यों के सापेक्ष 12 मौजूद रहे।

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