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भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा में 100 की संख्या पार की….

नई दिल्ली – राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी ने राजीव गांधी के कार्यकाल के बाद से पहली बार 100 सांसदों की संख्या को पार करने में सफलता पाई है। इससे पहले यह रिकॉर्ड सिर्फ कांग्रेस के पास ही था।

गुरुवार को हुए राज्यसभा चुनाव के बाद राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या 97 से बढ़कर 101 हो गई है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव परिणाम पांच राज्यों में मिली करारी हार की ही अगली कड़ी है, जिसके चलते यह पार्टी अब उच्च सदन में मुख्य विपक्षी दल होने का दर्जा खत्म होने की ओर भी बढ़ चली है। अभी पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नेता विपक्ष बना रखा है, लेकिन शायद आने वाले राज्यसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति यहां भी लोकसभा वाली हो जाएगी।

245 सदस्यों वाली राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार 100 का आंकड़ा पार कर लिया है और अब ऊपरी सदन में उसके कुल सांसदों की संख्या 101 हो चुकी है। अभी तक इस सदन में सत्ताधारी दल के पास 97 में सांसद थे, लेकिन उसे गुरुवार को संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में 4 और सीटें मिली हैं। इस कामयाबी के साथ 1988 के बाद यह पहला मौका है, जब किसी भी पार्टी ने राज्यसभा में सांसदों की शतक लगाई हो। जाहिर है कि 1988 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार थी और उस समय देश की सत्ता पर सिर्फ कांग्रेस का ही बोलबाला था।

गुरुवार को राज्यसभा की 13 सीटों के लिए चुनाव हुए हैं, जिनमें से भाजपा को यह चार सीटें मिली हैं। असम की दो में से एक सीट बीजेपी की सहयोगी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) को मिली है। बीजेपी को ये सीटें उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों असम, त्रिपुरा और नगालैंड से मिली हैं। राज्यसभा में भाजपा को मिली यह सफलता इस साल अगस्त में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष पर भारी पड़ेगी और एनडीए को अपने उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति चुनने में परेशानी नहीं होगी।

गुरुवार को आए नतीजे का असर ये हुआ है कि उत्तर-पूर्व से राज्यसभा में कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई है। बीजेपी ने त्रिपुरा की एकमात्र सीट अपने दम पर जीती है, नगालैंड की सीट पर पार्टी की प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष फैंगनोन कोन्याक निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं। वह राज्यसभा में जाने वाली राज्य की पहली महिला हैं। असम से कांग्रेस के दोनों राज्यसभा सांसदों रिपुन बोरा और रानी नाराह का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म हो रहा है और इनमें से एक पर भाजपा और दूसरे पर उसकी सहयोगी पार्टी यूपीपीएल के उम्मीदवार को जीत मिली है। कांग्रेस ने सीटिंग सांसद रिपुन बोरा को ही विपक्ष का कॉमन उम्मीदवार बनाया था, लेकिन राहुल गांधी के करीब नेता को फिर भी हार का सामना करना पड़ा है। उत्तर-पूर्व से राज्यसभा की 14 सीटें हैं, जिनमें से अब एनडीए के पास 13 और असम की एक सीट पर निर्दलीय सांसद का कब्जा है। नगालैंड की सीट पहले बीजेपी की सहयोगी एनपीएफ के पास थी और त्रिपुरा में उसने सीपीएम को हराकर जीत दर्ज की है।

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