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सावधान…आयकर रिटर्न झटपट दाखिल कर दें.. अंतिम तारीख नहीं बढेगी

(शशि कोन्हेर) : अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो इसे झटपट कर लें. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि सरकार इस बार रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा यानी 31 जुलाई की तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है. इसकी वजह यह है कि सरकार का मानना है कि इस बार ज्यादातर रिटर्न निर्धारित समयसीमा में ही भर दिए जाएंगे।

राजस्व सचिव तरूण बजाज के मुताबिक 20 जुलाई तक वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 2.3 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न भरे जा चुके हैं. हर गुजरते दिन के साथ रिटर्न भरने की संख्या लगातार बढ़ रही है. गौरतलब है कि इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 5.89 करोड़ आयकर रिटर्न भरे गए थे. हालांकि पिछले साल सरकार ने रिटर्न भरने की समयसीमा 31 दिसंबर तक बढ़ा दी थी.

15 से 18 लाख रोज भरे जा रहे रिटर्न


राजस्व सचिव तरूण बजाज के मुताबिक-लोग सोचते हैं कि आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा हर बार बढ़ ही जाती है. इसीलिए वे शुरू में रिटर्न दाखिल करने में सुस्ती दिखाते हैं. हालांकि इस बार रोजाना 15 लाख से 18 लाख के बीच रिटर्न भरे जा रहे हैं. यह संख्या बढ़कर रोजाना 25 से 30 लाख रिटर्न तक हो जाएगी. पिछली साल 9-10 प्रतिशत रिटर्न अंतिम दिन भरे गए थे. पिछले साल अंतिम दिन 50 लाख रिटर्न दाखिल किए गए थे।

इस बार विभाग अंतिम तारीख पर एक करोड़ रिटर्न के लिये तैयार रहने वाला है. आयकर नियमों के अनुसार, उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिये 2021-22 के आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई है, जिनके पिछले वित्त वर्ष के खातों के ऑडिट  की जरूरत नहीं है. आयकर विभाग ने विभिन्न श्रेणी के करदाताओं के लिए उनकी आय के आधार पर सात प्रकार के आयकर फॉर्म निर्धारित किए हैं.

रिफंड भी मिल रहा जल्दी


करदाताओं से मिली प्रतिक्रिया के अनुसार रिटर्न फॉर्म भरना अब काफी सरल है और रिफंड भी काफी जल्द मिल रहा है. रिटर्न फाइल करने में आने वाली कठिनाइयों संबंधी शिकायत पर राजस्व सचिव बजाज ने कहा कि 2.3 करोड़ लोग बिना किसी शिकायत के पहले ही रिटर्न भर चुके हैं. उनके मुताबिक आयकर विभाग का आयकर रिटर्न भरने का नया पोर्टल अंतिम समय में अत्यधिक रिटर्न जमा किए जाने में है।

आंकड़ों के मुताबिक पहले 50,000 लोग रोजाना आयकर रिटर्न भरते थे. अब यह संख्या बढ़कर 20 लाख हो गई. गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों को राहत देने के मकसद से पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़ायी थी।

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