बिलासपुर

आजादी का अमृत महोत्सव, मेरी माटी मेरा देश व्याख्यान माला


बिलासपुर – पं. सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर में आज दिनांक 10/08/2023 को आजादी का अमृत महोत्सव, ’मेरी माटी मेरा देश’ में व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति महोदय डॉ. बंश गोपाल सिंह जी द्वारा की गई एवं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य ए.डी.एन. वाजपेयी जी माननीय कुलपति महोदय, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष महोदय जी द्वारा पं. सुन्दरलाल शर्मा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ वृक्षारोपण किया गया। आजादी का अमृत महोत्सव अर्थात् आजादी की उर्जा का अमृत स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरणाओं का अमृत। यह कार्यक्रम भारत सरकार की पहल पर भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए और अपनी संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को स्मरण करने के लिए शुरू किया गया था। इसी श्रृंखला में ’’मेरी माटी मेरा देश’’ अभियान की कल्पना, आजादी का अमृत महोत्सव के समापन कार्यक्रम के रूप में की गई है। जिसके माध्यम से हम उन वीरो और वीरांगनाओ को श्रद्धांजली अर्पित कर रहे है जिन्होने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। इस अभियान के माध्यम से हम निश्चित रूप से अपनी मिट्टी से जुड़कर, अपने वीर नायकों का सम्मान करके राष्ट्रीय गौरव की भावना विकसीत करने में समर्थ होंगे। इन्ही उद्देश्य के साथ विश्वविद्यालय में यह व्याख्यान माला का आयोजन किया गया था। आज के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने भारत के आजादी के पूर्व स्वतंत्रता सेनानियों के मन में भविष्य के भारत की जो आर्थिक संकल्पना की थी उसका विस्तारपूर्वक वर्णन किया। 15 अगस्त 1947 आजादी के पश्चात् तत्कालिन भारत के नेतृत्व में देश के समग्र विकास के लिए जो आर्थिक मॉडल तैयार किया उसकी चर्चा की। सन् 1950 के दशक में एक ओर जहां सोवियत संघ के नेतृत्व में आर्थिक विकास का कम्युनिष्ट मॉडल था वहीं अमेरिका की आर्थिक विकास पूंजी मॉडल था। दोनों मॉडल के अपने अपने गुण एवं दोष थे। भारत के तात्कालिक विसमताओं को दूर करने के लिए एवं लोकतांत्रिक मुल्यों को स्थापित करने के लिए उपरोक्त दोनों मॉडलों की अच्छाई को ग्रहण करते हुए तीसरा नवीन मॉडल की संकल्पना की गई और देश उसी मॉडल के सहारे आगे बढ़ता गया। सन् 1990 के दशक मे इस मॉडल के अंर्तनिहित कमजोरियाँ सामने आई साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव हुआ जिसके चलते वैश्विक पूंजी वादी मॉडल को स्वीकार करना पड़ा। आजादी के अमृत काल के अंतर्गत हमे अर्थव्यवस्था का वह नया मॉडल तैयार करना होगा जिसमें अर्थशास़्त्र की बारीकियों के साथ भारतीय आध्यात्मिक चेतना को सम्मिलित करते हुए उसे भारतीय मानवीय मुल्यों को जोड़ते हुए एक मॉडल तैयार किया गया। जिससे देश के समावेशी विकास को प्राप्त किया जा सके। अध्यक्षीय आसंदी से माननीय कुलपति महोदय डॉ बंश गोपाल सिंह जी ने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक गतिविधियों में मानवीय मूल्यों का समावेश होना अनिवार्य है तभी सच्चे विकास की प्राप्ति हो सकेगी। कार्यक्रम के प्रारंभ मे क्षेत्रीय निदेशक डॉ शोभित कुमार वाजपेयी ने आजादी के अमृत महोत्सव मेरी माटी मेरा देश थीम पर केन्द्रीत कार्यक्रम की विशेषताओं एवं आवश्यकताओं को बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनिता सिंह द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के अंत मे परीक्षा नियंत्रक डॉ मनीष साव जी द्वारा ध्यन्वाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम की श्रृंखला में कल दिनांक 11/08/2023 को विश्वविद्यालय में शहिदों की याद में सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया है। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या दिनांक 14/08/2023 को बिलासपुर के अग्रणी स्वाधिनता संग्राम सेनानियों का कृतज्ञतापूर्वक समर्पित करते हुए उनके परिवारों का सम्मान कार्यक्रम रखा गया है।

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