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राहुल गांधी की पढ़ाई के लिए अमिताभ बच्चन का भेजा 1000 डॉलर क्यों सोनिया गांधी ने बैरंग वापस कर दिया, और स्वर्गीय राजीव गांधी क्यों नाराज थे, बिग बी से

(शशि कोन्हेर) : बात 1991 की है। प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार गिरने के बाद देश में लोकसभा के चुनाव हो रहे थे। इसी दौरान, चेन्नई से करीब 40 किलोमीटर दूर श्रीपेरंबदूर में 21 मई, 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे, जहां लिट्टे उग्रवादियों ने एक शक्तिशाली मानव बम विस्फोट में उनकी हत्या कर दी थी। सात साल के अंदर एक ही परिवार की दो बड़ी हस्तियों (पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) की हत्या से सोनिया गांधी काफी डर गई थीं।

राहुल की चिंता क्यों थी?
उस वक्त राहुल गांधी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे। सोनिया गांधी को सबसे बड़ी चिंता राहुल की पढ़ाई जारी रखने को लेकर थी। पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय ने अपनी किताब ‘वीपी सिंह, चंद्रशेखर, सोनिया गांधी और मैं’ में इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा है, “एक दिन सोनिया गांधी ने अमिताभ बच्चन से कहा कि उन्हें राहुल की फीस की बहुत चिंता है और क्या वे सिर्फ फीस का इंतजाम कर सकते हैं? इस पर अमिताभ बच्चन ने जवाब दिया, पैसे तो ललित सूरी और सतीश शर्मा ने गड़बड़ कर दिए, कुछ है ही नहीं, लेकिन मैं कुछ करूंगा।”

क्यों नाराज हुई थीं सोनिया गांधी
भारतीय ने किताब में बताया है कि इसके दो दिन बाद अमिताभ बच्चन ने 1000 डॉलर का चेक सोनिया गांधी के पास भिजवा दिया था लेकिन सोनिया ने उस चेक को बैंरग वापस लौटा दिया। कहा जाता है कि सोनिया गांधी ने इस घटना को अपना अपमान मानते हुए अमिताभ बच्चन को हमेशा के लिए अपनी जिंदगी से बाहर निकाल दिया। इस घटना के बाद सोनिया गांधी ने कभी भी अमिताभ बच्चन से मिलना स्वीकार नहीं किया।

क्या था चावल का कारोबार
भारतीय ने अपनी किताब में इस बात का भी खुलासा किया कि जब राजीव गांधी जीवित थे तभी सतीश शर्मा, ललित सूरी और अमिताभ बच्चन ने मिलकर चावल का व्यापार करना शुरू किया था। भारतीय ने लिखा है, “यहां से बासमती चावल जाता था, पर वह जादू से परमल चावल में बदल जाता था। चूंकि भारत सरकार ने इसकी अनुमति दे रखी थी तो स्वाभाविक था कि उसमें कुछ और लोग भी भागीदार थे, जिनके नाम कभी सामने नहीं आए।”

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संतोष भारतीय का इशारा राजीव गांधी की तरफ था। बाद में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि शायद सोनिया गांधी को चावल के इस कारोबार की जानकारी थी। इसी वजह से उन्होंने अमिताभ बच्चन से राहुल की फीस के लिए मदद मांगी थी, जिसके जवाब में बच्चन ने कहा था कि पैसे ललित सूरी और सतीश शर्मा ने गड़बड़ कर दिए हैं।

अमिताभ बच्चन को राजीव गांधी ने कहा था ‘स्नेक’
इसी लेखक ने एक और घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि जब वीपी सिंह प्रधानमंत्री बन गए थे, तब बतौर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 10 जनपथ में शिफ्ट हो गए थे। एक दिन अमिताभ बच्चन वहां राजीव गांधी से मिलने आए थे। दस मिनट के बाद जब अमिताभ वहां से चले गए, तब राजीव गांधी ने कहा था, ‘ही इज अ स्नेक’। यानी वह एक सांप है। भारतीय से इसकी पुष्टि कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भी की थी।

राजीव और अमिताभ में थी गहरी दोस्ती
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन में गहरी दोस्ती थी। उनकी दोस्ती तब से थी, जब अमिताभ चार साल के थे और राजीव गांधी दो साल के थे। दोनों की पहली मुलाकात इलाहाबाद में ही हुई थी। दोनों परिवारों के बीच लंबे समय तक दोस्ती रही। दोनों का परिवार इलाहाबाद से ही था। 1984 में राजीव गांधी के कहने पर ही अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद की फूलपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह सांसद बने थे। हालांकि, कुछ सालों बाद अमिताभ बच्चन ने राजनीति को अलविदा कह दिया था। फिलहाल, उनकी पत्नी और एक्ट्रेस जया बच्चन समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद हैं।

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