जहां होनी थी, 8140 प्रजाति के पौधों की हरियाली…वहां है हरियाली पर कुल्हाड़ी..और बड़ी संख्या में नशेड़ी..!
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – अनुसंधान एवं विस्तार वन मंडल बिलासपुर द्वारा नगर वन रोपण योजना के अंतर्गत ओल्ड लोको कॉलोनी रेलवे परिक्षेत्र में आक्सीजोन बनाया गया था। देखरेख के अभाव में यहाँ अब हरियाली पर कुल्हाड़ी तो चल ही रही है साथ ही यह क्षेत्र नशाखोरी का अड्डा भी बन गया है।
पुरानी रेलवे लोको कालोनी में बनाए गए आक्सीजोन का अस्तित्व खतरे में है। हरियाली का केंद्र अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है । यहां धड़ल्ले से हरे – भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी भी चल रही है । नशाखोरी के साथ ऐसा कोई दिन नहीं जब चूल्हा जलाकर लोग पिकनिक न मनाते हों । इसके बाद भी अनुसंधान एवं विस्तार वनमंडल को इतनी फुर्सत नहीं है कि इसकी हिफाजत कर सके। हरियर छत्तीसगढ़ मद से वर्ष 2017-18 में 7.400 हेक्टेयर में पौधारोपण किया गया था। इस रोपण के जरिए अनुसंधान एवं विस्तार वनमंडल ने शहर को एक आक्सीजोन की सौगात दी। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह बेहद जरूरी भी था।
पौधारोपण के साथ साथ पानी व सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम भी कराया गया था। लेकिन अब केवल यहाँ बोर के पाइप बस दिखाई देते है। क्षेत्र को पोल व कंटीले तार से घेरा कराया गया था ताकि असामाजिक तत्वों के अलावा मवेशी भी प्रवेश न कर सके। लेकिन अब पिछले दो सालों से यहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। यही वजह है कि अब धीरे धीरे आक्सीजोन असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। पोल व तार धीरे – धीरे गायब होने लगे हैं । हरियाली पर भी कुल्हाड़ी चलाई जा रही है । सुरक्षा के मद्देनजर चौकीदार भी यहां तैनात नही है। अब यह धीरे – धीरे उजाड़ होने लगा है।लेकिन विभाग के अधिकारियों की नजर इस ओर नही पड़ रही है। विकासखंड नगर वन रोपण के तहत 8,140 प्रजातियों के पौधे रोपे गए जिसमे पीपल , नीम , साजा , साल , कदम , बहेड़ा , आम , अर्जुन , काला सिरस , नीलगिरी , वास , शीशु , खम्हार , बोहार , अविला , श्रीआंवला , कटहल , जामुन , मुनगा , बेल , बेर , सीताफल , डूमर , कुल्लू , अमलतास , माहुल , चपा , परिजात , सेन्हा , सेमल , स्पेथोडिया , सतावर , टिकोमा और सर्पगंधा शामिल था पर अब यहां केवल नाम के ही कुछ पौधे नजर आते है,जो पौधे बचे है उनमें भी कुल्हाड़ी चलाई जा रही है।