छत्तीसगढ़

पाकिस्तान को बड़ा झटका देगी केंद्र सरकार, G-20 की मेजबानी करेगा जम्मू कश्मीर

(शशि कोन्हेर) : कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार पाकिस्तान को एक बड़ा झटका देने जा रही है। कश्मीर में जल्द ही जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें चीन, कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, जापान, तुर्की समेत 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष भाग लेंगे। यह सम्मेलन एक तरह से कश्मीर मुद्दे पर भारतीय पक्ष को पूरी तरह से सही ठहराते हुए कश्मीर पर पाकिस्तान के दावों को निरस्त करेगा।

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इस सम्मेलन के जरिए भारत दुनिया को बताएगा कि आम कश्मीरी पूरी तरह से भारतीय मुख्यधारा का हिस्सा है जो पूरी तरह से भारतीय लोकतंत्र और भारतीय संविधान में आस्था रखता है।

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G-20, जिसे ग्रुप आफ ट्वेंटी भी कहा जाता है, में यूरोपीय संघ समेत 20 देश शामिल हैं। इन 20 देशों के राष्ट्रध्यक्षों की हर साल होने वाली सालाना बैठक को G-20 शिखर सम्मेलन कहा जाता है। इस सम्मेलन में सभी देशों के मुख्य विषय यानी आतंक, आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वार्मिंग, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी मुद्दो पर चर्चा की जाती है।

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पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के बाद कश्मीर में यह अपनी तरह का पहला और एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए वीरवार को महाप्रशासनिक विभाग ने आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन कर दिया है।

महाप्रशासनिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, समिति में परिवहन विभाग के सचिवायुक्त, हास्पिटैलिटी एवं प्रोटोकाल विभाग के प्रशासकीय सचिव, पर्यटन सचिव और संस्कृति विभाग के सचिव को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।

आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को प्रदेश में जी-20 की बैठक के लिए किए जा रहे प्रबंधों के संदर्भ में विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए नोडल अधिकारी भी बनाया गया है।

महाप्रशासनिक विभाग के प्रधान सचिव मनोज द्विवेदी से जब सम्मेलन की तिथि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह नवंबर या दिसंबर में हो सकता है। इस बीच, संबंधित सूत्रों ने बताया कि भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। भारत के कार्यकाल का समापन कश्मीर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के साथ होगा।

भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत होगी

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कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ प्रो. हरि ओम ने कहा कि अगर जी-20 सम्मेलन जम्मू कश्मीर में आयोजित होता है तो यह कश्मीर मुद्दे पर भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी। जी-20 में चीन और तुर्की जैसे मुल्क भी शामिल हैं, जो आतंक और अलगाव के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आते हैं और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं।

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केंद्र सरकार ने जब जम्मू कश्मीर को राष्ट्रीय मुख्यधारा से अलग करने वाले विभिन्न प्रविधानों को हटाते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किया था तो तुर्की और चीन ने भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाया था।

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