बिलासपुर

अतिक्रमण व अवैध कटाई मामले की जांच अब वनमंडल का उड़नदस्ता करेगा….

(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर खोंदरा सर्किल में मड़वा नाला के पास जहां पर जंगल की अवैध कटाई और बेजाकब्जा हो रहा है वहां की जांच करने के लिए बिलासपुर के रेंजर और उड़नदस्ता की टीम मौके पर पहुंची। मौके पर जो मिला उसकी रिपोर्ट तैयार करके वे अपने वरिष्ठ अफसरों को देंगे।

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खोंदरा सर्किल अतिक्रमण व अवैध कटाई मामले की जांच का अब वनमंडल का उड़नदस्ता करेगा। डीएफओ ने यह जिम्मा उन्हें सौंपा है। कोरबी बीट व खोंदरा बीट में अवैध कटाई व अतिक्रमण की खबर प्रमुखता से लोकस्वर टीवी में प्रसारित की गई थी। खबर के बाद वनमंडल में हड़कंप मच गया। वन अफसरों ने मामले को गंभीरता से लिया और सर्किल प्रभारी से लेकर रेंजर को तलब किया।जिम्मेदारी मिलने के बाद दल गुरुवार को मौके पर पहुंचा। स्थानीय वन कर्मचारियों ने पहले ही घेरा हटा दिया था। ऐसी स्थिति में दल ने अतिक्रमण करने वाले ग्रामीण का बयान दर्ज किया।

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इस दौरान उन्हें कुछ पेड़ों पर गडलिंग मिले। जिसे काटने का प्रयास किया गया था। जांच पूरी होने के बाद दल रिपोर्ट को डीएफओ को सौंपेंगे। बिलासपुर रेंज के खोंदरा सर्किल में कोरबी गांव के पास मड़वा नाला से लगे जंगल से पेड़ों की कटाई के लिए टांगी से पेड़ों के जड़ के पास छिलायी की गई है। मौके पर बहुत से ऐसे पेड़ हैं। एक पेड़ के नीचे आग लगाई गई है। वहीं पर करीब ही जमीन पर बेजाकब्जा भी किया गया है वहां पर बाकायदा खेती हो रही है। उसके करीब ही नई जमीन पर भी ट्रैक्टर से जुताई करने के ताजा निशान हैं। इस पूरे मामले की जांच के आदेश डीएफओ संजय यादव ने मातहत अफसरों को दिए हैं। खबरें प्रसारित होते ही रेंजर बिलासपुर पल्लव नायक मौके पर पहुंचे और इसकी जांच की।

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उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी एसडीओ बिलासपुर को सौंप दी है। डीएफओ ने उड़नदस्ता को भी जांच के आदेश दिए थे। दूसरे दिन उड़नदस्ता की टीम भी मौके पर पहुंची। तो उन्हें मुनारा के पास एक बड़े क्षेत्र में घेरा मिला। जिसे अतिक्रमणकारी ग्रामीण ने घेरा था और इसके नीचले हिस्से में खेती के लिए खेत भी मिले।

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हालांकि अभी तक इस मामले में किसी के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।जाच के दौरान जब उड़नदस्ता मौके पर पहुंचा तो उन्हें कुछ पेड़ों की गडलिंग में गोबर व मिट्टी लगाकर कपड़े बंचे मिले। इस उपाय से पेड़ों पर की गई गडलिग पहले की तरह सामान्य हो जाती है और पेड़ सुखने से बच जाते हैं। उड़नदस्ता ने जांच के दौरान इस बिंदु को भी विशेष तौर पर अंकित किया है। माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद जब उड़नदस्ता रिपोर्ट सौंपेगा, उसके बाद ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

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