देश

इलेक्शन को नहीं कर सकते कंट्रोल….चुनाव आयोग ने दूर किया संदेह, EVM मामले में सुप्रीम कोर्ट की दो टूक

Advertisement

Advertisement
Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए से डाले गए वोटों का पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के साथ पूर्ण सत्यापन करने को लेकर दायर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया। इस दौरान कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए साफ किया कि वह चुनावों के लिए कंट्रोलिंग अथॉरिटी नहीं है और संवैधानिक अथॉरिटी भारत के चुनाव आयोग के कामकाज को निर्देशित नहीं कर सकता है। सुनवाई के दौरान, अदालत ने कहा, ”हम उन चुनावों को कंट्रोल नहीं कर सकते, जो किसी अन्य संवैधानिक प्राधिकरण (चुनाव आयोग) द्वारा आयोजित किए जाने हैं।” अदालत ने कहा कि चुनाव निकाय (चुनाव आयोग) ने संदेह को दूर कर दिया है।

Advertisement

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि वह महज संदेह के आधार पर कार्रवाई नहीं कर सकती। इस याचिका को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। एडीआर की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण के सवालों का जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि यदि आप किसी विचार-प्रक्रिया के बारे में पूर्वनिर्धारित हैं, तो हम आपकी मदद नहीं कर सकते। हम यहां आपके विचार को बदलने के लिए नहीं हैं।

Advertisement


सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की कार्यप्रणाली के कुछ खास पहलुओं पर बुधवार को चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण मांगा था, साथ ही निर्वाचन आयोग के एक शीर्ष अधिकारी को दोपहर दो बजे तलब किया था। चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अदालती सवालों का जवाब देने के लिए आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि उसे कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण की जरूरत है, क्योंकि ईवीएम पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के बारे में निर्वाचन आयोग ने जो उत्तर दिए हैं उनमें कुछ भ्रम है।


बेंच ने निर्वाचन आयोग की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एश्वर्या भाटी से कहा, ”हम गलत साबित नहीं होना चाहते, बल्कि अपने निष्कर्षों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते हैं और इसलिए हमने स्पष्टीकरण मांगने का सोचा।” बेंच ने भाटी को वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त नितेश कुमार व्यास को दोपहर दो बजे बुलाने के लिए कहा। व्यास ने इससे पहले ईवीएम की कार्यप्रणाली पर अदालत में एक प्रस्तुति दी थी। इसमें ईवीएम के भंडारण, ईवीएम की नियंत्रण इकाई में माइक्रोचिप और अन्य पहलुओं से संबंधित कुछ बिंदुओं पर बात की गई थी जिनके संबंध में अदालत ने स्पष्टीकरण मांगा था। वीवीपीएटी एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जिसके जरिए मतदाता यह जान सकते हैं कि उनका वोट उसी व्यक्ति को गया है या नहीं जिन्हें उन्होंने वोट दिया है।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button