छत्तीसगढ़

कोटा क्षेत्र में धान खरीदी की हो जांच,जमकर की गई गड़बड़ी..

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(इरशाद अली संपादक लोकस्वर टीवी) : बिलासपुर।आदिवासी सेवा सहकारी समिति केन्द्र केंदा शाखा प्रबंधन द्वारा पुराना धान खरीदी एवं किसानो से अवैध वसूली के साथ सुरेन्द्र गुप्ता द्वारा किसानो को अपमानित करने से दुखी किसान शक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंच कर 6 सूत्री मांगों को लेकर अपनी पीड़ा बताई।

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प्रेस क्लब में चर्चा करते हुए कोटा जनपद के सभापति कन्हैया गंधर्व ने कहा कि अवैध वसूली और शासन के नियम विरुद्ध काम किए जाने से  किसानो मे काफी निराशा है।उन्होंने बताया की आदिवासी सेवा सहकारी समिति केन्द्र केंदा

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शासन के नियम के विरुद्ध पुराने धान की खरीदी की गई है। किसानो के द्वारा इसका विरोध करने पर धमकाया और अपमानित किया जाता है। क्षेत्र की जनता वहां के ऑपरेटर सुरेन्द्र गुप्ता व उनका भतीजा राहूल गुप्ता से संतुष्ट नहीं है।उनकी मांग है कि उन्हें हटा कर उनके जगह किसी अन्य कर्मचारियो की नियुक्ति की जाए।शिकायतों की निष्पक्ष जाँच कराते हुये दोषी व्यक्ति के उपर कार्यवाही किये जाने की भी मांग की गई है।

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गंधर्व के मुताबिक धान खरीदी केन्द्र में पुराने धान की जमकर खरीदी बिक्री हुई है। जानकारी के अनुसार लगभग 10 हजार क्वि० से भी ज्यादा खरीदी किया गया है, जो कि लॉट में रखा गया है।किसानो से धान केन्द्र में अनलोडिंग करने के बाद भी प्रत्येक किसानो से 6 से 8 रुपये प्रति बोरी लिया गया है।धान खरीदी केन्द्र में किसानो के धान को रिजेक्ट कर राशि राजेन्द्र पटेल, सुरेन्द्र गुप्ता और उसके सगा भतीजा राहूल गुप्ता, के द्वारा वसूली किया जाता है।

जितने किसानो के द्वारा धान विक्रय किया गया है उन समस्त किसानो की राशि सुरेन्द्र गुप्ता शाखा प्रबंधक द्वारा नही दिया जाना और विकय हेतु जगह नही देने के साथ साथ उन समस्त किसानो के घर तक जाँच करने जाते है। जिससे किसान अपने आप को अपमानित महसुस करते है। पिछले वर्ष 2022-23 में वहां के करीब 20 गरीब हमाल मजदुर पूरे सीजन भर कार्य किये है, उन हमाल मजदूरो की पारिश्रमिक राशि अभी तक उनको प्रदान नही किया गया है तथा मजदुरो को काम नही करने पर पिछला राशि भी नही दिया जायेगा,ऐसा कहकर धमकाया भी जाता है।

जिससे गरीब मजदुर आर्थिक रूप से परेशान है। उनको जीवन यापन करने में काफी परेशानी हो रही है एवं राशि प्राप्त होगा कहकर वर्तमान में भी कार्य कराया जा रहा है, जबकि उनकी समस्त राशि लगगम 06 लाख रुपये वित्तीय वर्ष मे ही जारी कर दिया गया है।कृषको के लिए शासन से युरिया खाद प्राप्त होता है, जिसमें पूरे युरिया को खुद की दुकान में बेचने का प्रबंध किया जाता है।यह कि एक ही घर से सगे रिश्तेदारों की भर्ती भी नियम विरुद्ध मानी जाती है जबकि यह दोनो एक ही संस्थान में कार्यरत् है।

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